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कांग्रेसी वकील मंत्रियों के जीरो ल़ास को नेता प्रतिपक्ष वकील ने काट दिया

एक वकील के तर्कों की काट चूंकि दूसरा वकील ही अच्छी तरह ही कर सकता है इसीलिए कांग्रेसी मंत्री वकीलों की काट भाजपा के अरुण जेटली ने कर दी है| राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष अरुण जेटली ने प्रेस के समक्ष वित्तमंत्री पी चिंदबरम के कोयला काण्ड में जीरो लॉस के तर्क की हवा निकाल दी।
गौरतलब है कि मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल और वित्त मंत्री पी चिदम्बरम दोनों वकील भी हैं पहले कपिल सिब्बल ने २ जी में और अब चिदम्बरम ने कोयला खदानों में जीरो ल़ास बता कर कैग की रिपोर्ट की धज्जियाँ उड़ाईं हैं| बीते दिन वित्त मंत्री ने कहा कि निजी कंपनियों को आवंटित 57 कोल ब्लॉकों में से 56 में खनन शुरू भी नहीं हुआ। जब कोयला निकला ही नहीं तो नुकसान कैसा। सरकार का ये , भी तर्क है कि बिजली की बढ़ती मांग और सस्ती बिजली बनाने के लिए ये जरूरी था कि कोल ब्लॉक का आवंटन तुरंत हो, अगर इसकी नीलामी होती तो उसमें समय लगता।
चिदंबरम के तर्कों का जवाब देने आए भाजपा नेता अरुण जेटली ने दलील दी है कि वित्त मंत्री चिदंबरम कुर्तकों के जरिए गलत को सही ठहरा रहे हैं और जनता को गुमराह करने की असफल कोशिश कर रहे हैं। जेटली ने चिदंबरम के तर्कों की तुलना 2जी घोटाले में कपिल सिब्बल की जीरो लॉस थ्योरी से की।
जेटली ने कहा कि चिदंबरम साहब कहते हैं कि कोयला निकला ही नहीं है तो नुकसान की बात ही कहां आती है। कोई उन्हें बताए कि खनन भले ही न हुआ हो लेकिन खनन होगा और कोयला निकलेगा तो वो सरकार का नहीं बल्कि उस कंपनी का होगा जिसे ब्लॉक आवंटित हुए हैं। सरकार का खनन पर से नियंत्रण तो ब्लॉक आवंटन के साथ ही खत्म हो चुका है। ये ठीक ऐसा ही है जैसे

चिदंबरम साहब के बैंक अकाउंट से कोई गैरकानूनी रूप से पैसे निकाल ले। लेकिन चिदंबरम साहब कहें कि उनका नुकसान तो तब होगा जब वो व्यक्ति पैसे खर्च कर देगा।

कोल ब्लॉक का आवंटन हो चुका है। ऐसे में वहां कोयला निकालने का अधिकार उस कंपनी के पास है जिसे ब्लॉक आवंटन हुआ है।

जिस कंपनी को कोल ब्लॉक का आवंटन हो गया उसकी बैलेंस सीट में कोयले के दाम आसमान छू जाते हैं। जो कोयला आज जमीन के अंदर है वो अब सरकार का नहीं बल्कि उस कंपनी का है जिसे ब्लॉक आवंटन हुआ है।

जेटली ने कहा कि सरकार की सफाई में ही उसके इस तर्क का जवाब भी छुपा हुआ है। सरकार ने ऐसे लोगों को कोल ब्लॉक आवंटित कर दिेए हैं जिन्होंने पांच साल बीतने के बावजूद खनन शुरू नहीं किया है। ऐसे में कोयला निकलने और उससे बिजली बनने की तो बात ही दूर है।
उन्होंने कहा कि सरकार कह रही है कि सीएजी की रिपोर्ट पहले पीएसी देखेगी और उसकी रिपोर्ट पर कार्रवाई होगी। 2जी घोटाले में पीएसी की रिपोर्ट अब तक नहीं आ पाई है तो क्या तब तक हाथ पर हाथ धरे बैठा रहा जाएगा।
कि 2जी घोटाले के वक्त कपिल सिब्बल जीरो लॉस की बात कह रहे थे। सरकार का तर्क था कि उसने उचित कीमत(1658 करोड़) पर स्पेक्ट्रम बेचे हैं लेकिन अब खुद उसने नीलामी के लिए 2जी स्पेक्ट्रम की रिजर्व कीमत 14 हजार करोड़ रुपये रखी है। ऐसे में साफ है कि पहले औने-पौने दाम में स्पेक्ट्रम बांट दिए गए।
बीजेपी के ऊपर लग रहे

संसद न चलने देने के आरोप पर अरुण जेटली ने कहा कि कभी-कभी संसद न चलने देना देश के लिए फायदेमंद होता है। दिसंबर 2010 में जब संसद ठप हुई थी तो उसका परिणाम राजा, जेपीसी और चार्जशीट के रूप में सामने आया था।

उन्होंने कहा कि अगर बातचीत होती तो वो बातचीत में ही खत्म हो जाती। हम पीएम से इस्तीफा मांग रहे हैं क्योंकि हम सरकार को कोई रास्ता देना नहीं चाहते कि वो पहले संसद में बहस करे, फिर पीएसी में मामला जाए और खत्म हो जाए। 2जी में यही हालत हुई है।