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कृषि ऋण माफी योजना के अमल में गंभीर अनियमितताओ को उजागर करने वाली कैग की रिपोर्ट पर भाजपा ने जांच की मांग उठाई

नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की किसानों की कर्ज माफी के लिए केंद्र सरकार की योजना में अनियमितताओं की ओर इशारा करती रिपोर्ट को चौंकाने वाली करार देते हुए प्रमुख विपक्षी पार्टी भाजपा ने मामले में तत्काल सीबीआई जांच कराने की मांग की है।भाजपा ने आरोप लगाया है कि पात्र किसानो के बजाय अज्ञात अपात्रों को इसका लाभ दिया गया |

 कृषि ऋण माफी योजना के अमल में गंभीर अनियमितताओ को उजागर करने वाली कैग की रिपोर्ट पर भाजपा ने जांच की मांग उठाई

कृषि ऋण माफी योजना के अमल में गंभीर अनियमितताओ को उजागर करने वाली कैग की रिपोर्ट पर भाजपा ने जांच की मांग उठाई


भाजपा के प्रवक्ता प्रकाश जावड़ेकर ने आज प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि ऐसे वंचित पात्र किसानों का 31 मार्च 2013 तक का बकाया कर्ज भी तत्काल माफ किया जाना चाहिए उन्होंने संसद परिसर में संवाददाताओं से कहा कि टेस्ट चेकिंग के अधर पर प्रस्तुत कैग की रिपोर्ट में अनियमितताएं सामने आई हैं और सरकार को इस मामले में सभी 3.5 करोड़ खातों की सीबीआई जांच करानी चाहिए।
वर्ष 2008 में शुरू की गई कृषि ऋण माफी तथा ऋण राहत योजना की लेखा परीक्षा संबंधी कैग की मंगलवार को संसद में पेश की गई रिपोर्ट में बताया गया है कि नौ राज्यों में लेखा परीक्षा जांच में 9334 खातों में से 1257 (13.46 प्रतिशत) खाते वे थे जो कि योजना के तहत लाभ के पात्र थे, लेकिन जिन्हें ऋण देने वाली संस्थाओं द्वारा पात्र किसानों की सूची तैयार करते समय शामिल नहीं किया गया। जावड़ेकर ने कहा कि कैग ने 3.5 करोड़ खातों में से केवल 90 हजार की पड़ताल की है और तब ये नतीजे निकले हैं। सभी खातों की जांच में और अधिक अनियमितताएं सामने आ सकती हैं।
उन्होंने कांग्रेस पर आरोप लगते हुए कहा कि कांग्रेस भ्रष्टाचार का पर्याय बन गयी है। [१]राष्ट्रमंडल खेल घोटाला[२] 2जी घोटाला[३]कोयला घोटाला[४] हेलीकॉप्टर घोटाला और अब [५]किसानों को कर्ज माफी योजना में घोटाला सामने आया है जिसमें अनेक अपात्र लोगों ने फायदा उठाया जिससे सरकारी खजाने को नुकसान हुआ।
संप्रग सरकार के पहले कार्यकाल में लागू की गई कृषि ऋण माफी योजना के अमल पर गंभीर सवाल खड़े करते हुए लेखा परीक्षक कैग ने कहा है कि कई मामलों में उन किसानों को फायदा पहुंचाया गया जो इसके हकदार नहीं थे तथा कई मामलों में लाभ के पात्र किसानों को वंचित रखा गया।कैग ने संबंधित अधिकारियों और बैंकों के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश की है। इस योजना पर कैग की रिपोर्ट आज संसद पटल पर रख दी गई है | इसमें कहा गया है कि उसने जितने खातों की जांच की उनमें 22 % से अधिक मामलों में चूक या गड़बड़ी हुई जिससे इस योजना के क्रियान्वयन पर गंभीर चिंता होती है।रिकॉर्डों से छेड़-छाड़ का हवाला देते हुए कैग ने सुझाव दिया है कि वित्तीय सेवा विभाग को ऐसे मामलों की समीक्षा करनी चाहिए और गलती करने वाले अधिकारियों और बैंकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।
जावडेकर ने कैग की रिपोर्ट के हवाले से कहा कि कई मामलों में जिन किसानों ने गैर कृषि उद्देश्य से ऋण लिया था या जिनका ऋण इस योजना के तहत लाभ प्राप्त करने योग्य नहीं था उन्हें लाभ पहुंचाया गया है।