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क्या प्याज और पाकिस्तान ने देश के सियासतदानो के सियासी हाथों की लकीरें बदलनी शुरू कर दी हैं ?

आज कल “हाथ” ब्रांड जोरो शोरों से चल रहा है| कांग्रेस +भाजपा+सपा के “हाथ” की मांग का ग्राफ कुछ ज्यादा ही उठ रहा है|लेकिन सिसायत के इस बाजार में “हाथ” के कारोबार का नियम कुछ अलग है |जी हाँ यहाँ अपने ब्रांड को तो बचाया जा रहा है और दुसरे के ब्रांड का धड़ल्ले से इस्तेमाल हो रहा है |
अब देखिये कांग्रेस का पार्टी +चुनावी निशान “हाथ” है मगर उन्हें अपना ही हाथ कहीं दिखाई नहीं देता इसीलिए कभी उन्हें भाजपा और कभी कभी सपा के हाथ का सहारा लेना पड़ जाता है मगर वक्त की मांग के अनुसार अब उन्होंने पाकिस्तान के हाथ की भी तिजारत शुरू कर दी है|
पहले मुज्जफर नगर के दंगों के पीछे कांग्रेस के अच्छे से अच्छे नेताओं को सपा और भाजपा के हाथ नजर आ रहे थे जब इनसे अपेक्षित लाभ नहीं मिले तो कांग्रेस के भावी प्रधान मंत्री राहुल गांधी को इंदौर की चुनावी रैली में जाकर मुज्जफर नगर के दंगों में पाकिस्तान की आई एस आई का हाथ बिना दूरबीन लगाये ही दिखाई दे गया| राहुल गांधी ने इंदौर की सभा में एलानिया कह दिया कि यूं पी के मुज्जफर नगर के दंगों में पाकिस्तान की आई एस आए का हाथ है| और ये आई एस आई वाले प्रदेश में भाजपा के साम्प्रदाइक हाथों को काटने आये हैं |
बात यहीं खत्म हो जाती तो कोई बात नहीं थी लेकिन कांग्रेस को सीमा पर हो रही घुसँपैंठ के पीछे भी पाकिस्तान की फौज का हाथ दिखाई दे रहा है| अब इन गद्दी नशीं हुकुमरानों को देश की सीमा से लेकर देश के भीतर तक पाकिस्तान के “हाथ” पे हाथ ही नजर आ रहे हैं|बकौल जनाब नरेंदर मोदी सरकार का काम केवल सूचनाएं देना भर रह गया है|
अब महंगाई की बात भी कर ली जाये |प्याज के दाम दिल्ली में सेंचुअरी मार चुके हैं इसे कंट्रोल करने के बजाय केंद्र और राज्य सरकारें भाजपा के हाथ की लकीरें गिनने में लग गई हैं| केंद्रीय कृषि मंत्री शरद पवार टी वी चैनलों पर अपने आप को असहाय बता कर अपने रंगे हाथ बचाते फिर रहे हैं|वाणिज्य मंत्री आनद शर्मा इसके पीछे काला बाजारियों को दोष दे रहे हैं लेकिन आश्चर्यजनक रूप से दिल्ली की मुख्य मंत्री शीला दीक्षित काला बाजारियों से हाथ जोड़ कर अपील करती फिर रही हैं | शायद काला बाजारियों के हाथ कांग्रेस के हाथों से जयादा मजबूत होंगे तभी इनके खिलाफ हाथ उठाने के बजाय हाथ जोड़ना ज्यादा मुफीद समझा गया | इतिहास से सबक लेना कोई शीला दीक्षित से सीखे क्योंकि एक बार नाइट वाच बैट्स मैन के तौर पर दिल्ली की मुख्य मंत्री बनी भाजपाई श्री मति सुषमा स्वराज ने भी टी वी कैमरे लेकर प्याज के गोदामों में अपने हाथ घुसेड़े थे तब इन गोदामों के मालिकों के भारी भरकम हाथों ने दिल्ली में भाजपाई कमल को ही मसल कर रख दिया था | ऐसे में इसकी पुनरावृति कौन चाहेगा|
अब प्याज के रसायनिक गुण भी देख लिए जाएँ |यह जीव की आँखों में आंसू ले आता है लेकिन यह तभी होता है जब प्याज को काटा या छिला जाता है |लेकिन इसके भाव जब जरुरत से जयादा बढ़ते हैं तो यह देश वासिओं की आँखें नम कर देता है|
प्याज में 89% जल + 4% शुगर+, 1% प्रोटीन+ 2% फाईबर+ 0.1% फैट होता है| विटामिन सी+, विटामिन बी 6 और फोलिक एसिड का यह अच्छा स्रौत है | इसमें एंटी -कोलेस्ट्रॉल + एंटी कैंसर + एंटी ऑक्सीडेंट प्रॉपर्टीज हैं|
दुर्भाग्य से नेताओं से लेकर व्यापारियों तक में “पानी ” की मात्रा प्याज में पानी की मात्रा से एकदम उलट है |शायद इसीलिए प्याज की काली तिजारत से वोह कमी पूरी की जा रही है|
बुद्धिस्म मान्यतानुसार प्याज और लहसुन को पका कर खाने से जहाँ इच्छाएं जागृत होती हैं वही इसका कच्चा सेवन गुस्से को बढाता है|लेकिन प्याज की कीमतों में उछाल से आजकल तिजोरियों का साइज बढता है |
आम आदमी का साथ देने के लिए उठे कांग्रेस के हाथ क्या इतने बेअसर हो रहे हैंकि कई बार हथियार डाल चुका पकिस्तान जैसा मुल्क भी सीमा से लेकर देश के अंदर तक घुस आया है|चीन अलग इंच दर इंच नौंच रहा है|इसके अलावा बकौल इन्ही के विपक्ष साम्प्रदाइक हिंसा भड़काने में कामयाब हो रहा है|काला बाजारी देश में अस्थिरता फैलाने में कामयाब हो रहे हैं|.इस सब को देख कर क्या कहा नहीं जाना चाहिए कि सरकारी हाथों की लकीरें फींकी पड़ने लगी है और विपक्ष के हाथों की लकीरों ने नई शेप लेनी शुरू कर दी है