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चलती बस में गैंग रेप पीड़ित युवती को बेहतर इलाज़ के लिए बेहद गोपनीय ढंग से सिंगापुर भेजा गया

दस दिनों से जिंदगी और मौत के बीच जूझ रही बस में गैंग रेप पीड़ित युवती की हालत काबू से बाहर होने पर बेहतर इलाज के लिए बुधवार को बेहद गोपनीय ढंग से सिंगापुर भेज दिया गया है।इस एक कदम से सरकार ने पीडिता के प्रति जनाक्रोश को सम्मान देते हुए मानवीय संवेदनाओं का भी पालन किया है|
प्राप्त जानकारी के अनुसार बुधवार रात सफदरजंग अस्पताल से गुड़गांव के मेदांता अस्पताल की एंबुलेंस युवती को आईजीआई एयरपोर्ट ले गई। जहां से उसे लेकर विशेष एयर एंबुलेंस में सिंगापुर रवाना कर दिया गया| इससे पहले युवती को विदेश भेजने की बात गोपनीयरखने के लिए [१]बुधवार को युवती का मेडिकल बुलेटिन जारी नहीं किया गया था। साथ ही[२] सफदरजंग अस्पताल से मीडियाकर्मियों को भी हटा दिया गया था।
युवती के साथ उसके माता-पिता, दोनों भाई और मेदांता के हार्ट स्पेशियलिस्ट डॉ. नरेश त्रेहन के अलावा युवती का यहां इलाज कर रहे सफदरजंग अस्पताल के डॉक्टरों की टीम भी गई है। युवती को सिंगापुर के माउंट एलिजाबेथ अस्पताल में भर्ती किया जाएगा। बताया जा रहा है कि इस अस्पताल में इलाज की बेहतरीन सुविधाएं हैं और दुनिया भर से जाने माने लोग भी इलाज कराने यहां पहुंचते हैं। सूत्रों के मुताबिक यहां युवती की सेहत में सुधार लाने के साथ ही उसकी आंत के ट्रांसप्लांट की कोशिश भी की जाएगी।दिल्ली कि मुख्य मंत्री शीला दीक्षित इस विषय में पहले ही प्रतिबद्धता दर्शा चुकी हैं|
इससे पहले बुधवार को युवती की हालत पर कैबिनेट की बैठक में भी चर्चा हुई। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने स्वास्थ्य मंत्री गुलाम नबी आजाद को कहाथा कि विदेश में पीडिता का बेहतर इलाज कराने पर विचार किया जाना चाहिए।

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इसके बाद ही युवती को सिंगापुर ले जाने की तैयारियां शुरू हो गईं। तत्काल युवती और उसके परिवार का पासपोर्ट बनवाया गया। पासपोर्ट और अन्य जरूरी कागजात के लिए आईसीयू में ही छात्रा के फोटो लिए गए।
रात करीब पौने ग्यारह बजे मेदांता अस्पताल की एंबुलेंस सफदरजंग अस्पताल से युवती को लेकर निकली तो खुलासा हुआ कि उसे विदेश ले जाया जा रहा है। युवती को आंत ट्रांसप्लांट के लिए पहले अमेरिका ले जाने की बात चल रही थी। लेकिन अमेरिका से मना होने के बाद उसे सिंगापुर ले जाया गया।
अस्पताल के एक अधिकारी ने बताया कि युवती को मंगलवार रात दिल की परेशानी हुई थी। इससे डॉक्टर घबरा गए थे। हवाई यात्रा के दौरान उसे किसी तरह की परेशानी न हो इसके लिए हार्ट स्पेशलिस्ट डॉक्टर नरेश त्रेहन को उसके चेकअप के लिए बुलाया गया था। त्रेहन ने जांच की और विदेश ले जाने के लिए अनुमति दे दी। जीबी पंत अस्पताल के आईजी सर्जरी के अनिल अग्रवाल को भी जांच के लिए बुलाया गया था।
सिंगापुर की विशेषता
भारत से सिंगापुर की यात्रा में कम समय लगता है। युवती की बेहद नाजुक हालत को देखते हुए डॉक्टर उसके लिए ज्यादा लंबी यात्रा नहीं चाहते थे। इसके अलावा अंगों के ट्रांसप्लांट के लिए सिंगापुर के माउंट एलिजाबेथ अस्पताल को एशिया में सबसे बेहतरीन अस्पताल में माना जाता है।
माउंट एलिजाबेथ अस्पताल
सिंगापुर के पार्कवे हेल्थ ग्रुप का 373 बेड वाला माउंट एलिजाबेथ एक स्पेशिलिटी अस्पताल है।यहां पर ब्लेडलेस कैटरेक्ट सर्जरी, प्रोस्टेट कैंसर, थायराइड और कोलोरेक्टल कैंसर की रोबोटिक सर्जरी, स्टेम सेल प्रत्यारोपण, प्रतिरोपण की अत्याधुनिक सुविधा मौजूद है। पूर्व सपा नेता सांसद अमर सिंह और विश्व विख्यात अभिनेता रजनीकांत का इलाज भी सिंगापुर के इसी अस्पताल में हुआ था। दोनों को सिंगापुर के इस अस्पताल ने नई जिंदगी दी है ।

Comments

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