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जेट, एतिहाद के सौदे में ऍफ़ आई पी बी की अडचनों पर प्रधान मंत्री ने प्रश्न उठाया

प्रधानमंत्री कार्यालय [पीएमओ] ने वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय सहित अन्य संबद्ध विभागों से 2,058 करोड़ रुपये के प्रस्तावित जेट-एतिहाद एयर लाइन्स के सौदे पर स्पष्टीकरण मांगा है।
विमानन क्षेत्र में सबसे बड़े विदेशी निवेश प्रस्ताव के रास्ते कई तरह की नियामकीय अड़चनें आ रही हैं। विभिन्न मंत्रालयों ने मुख्य रूप से सौदे के बाद जेट एयरवेज के नियंत्रण को लेकर चिंता जताई है।
एफआईपीबी ने नियंत्रण और स्वामित्व के मुद्दे पर जेट-एतिहाद सौदे पर फैसला फ़िलहाल टाला हुआ है |
आर्थिक मामलों के सचिव अरविंद मायाराम ने भी कहा था,कि इस प्रस्ताव पर फैसला टाल दिया गया है| प्रभावी नियंत्रण और स्वामित्व पर हमें और जानकारी की जरूरत है समाचार एजेंसी भाषा के अनुसार प्रधानमंत्री कार्यालय ने जेट एयरवेज द्वारा अबुधाबी की एतिहाद एयरवेज को 24 % हिस्सेदारी बेचने के प्रस्ताव पर वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय, नागर विमानन मंत्रालय और कंपनी मामलों के मंत्रालयों सहित अन्य संबंधित विभागों से स्पष्टीकरण मांगा है लेकिन पी एम् ओ की वेबसाइट पर ऐसी कोई जानकारी नही मिली है| नागरिक उड्डयन छेत्र में ऍफ़ डी आई नीति के अनुसार सितम्बर माह से विदेशी एयर लाइन्स और विदेशी निवेशकों को भारतीय एयर लाइन्स में ४९% शेयर्स खरीदने की इजाजत है जबकि एन आर आई के लिए १००% की सीमा है| इसके आलावा जनता पार्टी के अध्यक्ष सुब्रमनियम स्वामी ने भी पी एम् को पत्र लिख कर जेट एतिहाद और एयर एशिया के सौदों पर ऍफ़ आई पी बी की भूमिका पर आपत्ति जता चुके हैं|