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जेल के बाहर नागरिक और जेल के अन्दर अंडर ट्रायल कैदी भी सुरक्षित नहीं हैं यह व्यवस्था पर बड़ा प्रश्न चिन्ह है Ram Singh Suicide

हाई प्रोफाईल ट्रायल के मुख्य अभियुक्त राम सिंह ने देश की सबसे बड़ी, आधुनिक व सुरक्षित मानी जाने वाली राजधानी स्थित तिहाड़ जेल में रहस्यमय तरीके से फांसी लगाकर अपनी जान दे दी | परिवार जन और अन्य अनेकों विशेषग्य इस मौत के पीछे किसी साजिश को देख रहे हैं | रहस्यमय तरीके से हुई इस मौत से केंद्र सरकार के लिए एक बार फिर शर्मिदगी का कारण बन गई है। मेंटल नाम से कुख्यात 35 वर्षीय बस ड्राइवर राम सिंह का शव सोमवार सुबह तिहाड़ जेल में फंदे से लटकता पाया गया। तिहाड़ प्रशासन के मुताबिक उसने अपने कपड़ों की रस्सी बनाकर फांसी लगाई,मामले की गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने मजिस्ट्रेटी जांच के आदेश दे दिए हैं। उन्होंने इस मसले पर गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे से मुलाकात भी की। गृह मंत्रालय ने तिहाड़ जेल प्रशासन से पूरे मामले में रिपोर्ट तलब कर ली है|।

 जेल के बाहर नागरिक और जेल के अन्दर अंडर ट्रायल कैदी भी सुरक्षित नहीं हैं यह व्यवस्था पर बड़ा प्रश्न चिन्ह है Ram Singh Suicide

जेल के बाहर नागरिक और जेल के अन्दर अंडर ट्रायल कैदी भी सुरक्षित नहीं हैं यह व्यवस्था पर बड़ा प्रश्न चिन्ह है Ram Singh Suicide


प्राप्त जानकारी के अनुसार तिहाड़ की जेल नंबर तीन में राम सिंह का शव १० फिट ऊंची रोशनदान की ग्रिल से सुबह पांच बजे लटका देखा गया। सोमवार को ही उसकी स्थानीय साकेत कोर्ट में पेशी थी। उसके साथ तीन अन्य कैदी भी बैरक में थे, लेकिन आश्चर्य जनक रूप से उन्हें कुछ पता नहीं लगा। इसके अलावा एन डी टी वी के एंकर रवीश कुमार ने राम सिंह के हाथों में राड पड़ी होने की तरफ इशारा किया है|
गत 16 दिसंबर की रात नशे में धुत इन आरोपियों ने फिजियोथेरेपिस्ट युवती व उसके दोस्त को बस में धोखे से बैठाया था। इसके बाद चलती बस में फिजियोथेरेपिस्ट के साथ सामूहिक दुष्कर्म हुआ और उसके दोस्त की पिटाई। आरोपी खून से लथपथ युवती व उसके दोस्त को निर्वस्त्र कर मरणासन्न अवस्था में चलती बस से फेंककर फरार हो गए थे।युवती का इलाज पहले दिल्ली व उसके बाद सिंगापुर में हुआ था इसके पश्चात भी उसे बचाया नहीं जा सका | उसकी मौत हो गई। इसके बाद देश भर में घटना को लेकर एतिहासिक आंदोलन हुए।
राम सिंह के वकील वीके आनंद का कहना है कि उनका मुवक्किल कभी आत्महत्या जैसा कदम नहीं उठा सकता। वहराम सिंह से मिलते थे तो उसे कभी तनाव में नहीं देखा। राम सिंह के पिता मांगे लाल ने कहा है कि 2009 में एक सड़क हादसे में राम सिंह का एक हाथ खराब हो चुका था, उसके हाथ में लोहे की राड लगाई गई थी। जिस व्यक्ति का एक हाथ ठीक से काम नहीं कर रहा हो वह खुदकुशी कैसे कर सकता है? उन्होंने आरोप लगाया कि उनके बेटे के साथ जेल में मारपीट होती थी। उन्होंने पहले भी राम सिंह पर ब्लेड से हमला किए जाने का आरोप लगाया था। सत्यता का पता तो जांच की रिपोर्ट के आने के बाद ही चल पायेगा लेकिन इतना तो तय है कि जेल के बाहर नागरिक और जेल के अन्दर अंडर ट्रायल कैदी भी सुरक्षित नहीं हैं यह व्यवस्था पर बड़ा प्रश्न चिन्ह है