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ड्रीम लाइनर में खराबी के बावजूद इसकी खरीद के लिए करोड़ों $ का कर्जा उठाया जा रहा है :डील पर प्रश्न चिन्ह लगना स्वाभाविक है|

बोइंग ड्रीम लाइनर ७८७ में इस माह में दूसरी बार खराबी आई है लेकिन सुरक्षा से सम्बंधित इन चेतावनियों को दरकिनार करके सिविल एविएशन मंत्रालय ड्रीम लाइनर ७८७ खरीद का मोह त्याग नही पा रहा हैपांच और पांच बोइंग ड्रीमलाइनर विमानों को खरीदने के लिए, देश की राष्ट्रीय विमानन कंपनी एयर इंडिया ने, डयूश बैंक और ब्रिटेन के इन्वेस्टेक बैंक से 50 करोड़ $ के ऋण उठा लिए है|
प्राप्त जानकारी के अनुसार दिल्ली से कोलकत्ता की उड़ान पर निकले बोइंग ड्रीम लाइनर के ओवन[बिजली के तंदूर] में , बीते दिन [बुधवार] ,चिंगारियां निकली
हवा में ही उस ओवन की आग पर काबू पाकर उसे निकाले जाने की सूचना प्राप्त हुई है लेकिन इस विषय में सिविल एविएशन के नियामक डी जी सी ऐ की वेबसाइट पर कोई सूचना नही है इसकी पुष्ठी के लिए ,फोन पर भी, कोई अधिकारी उपलब्ध नही हुआ|
यहाँ डी जी सी ऐ के पूर्व महा निदेशक जे एन कौल द्वारा जारी प्रपत्र संख्या (F.No. 10-9/83 AIS) ३[डी]का उल्लेख किया जाना जरुरी है जिसके अनुसार एयर प्लेन में इस प्रकार के यंत्रों को लगाया जाना प्रतिबंधित है| [ Aircraft in-built combustion heaters and similar equipment which may cause fire hazards shall not be used ]
ऐसे में सवाल उठता है कि यात्रियों की जान से खिलवाड़ करते हुए यह प्रतिबंधित यन्त्र क्यूं लगाया गया|इस उड़ान में डेड़ सो यात्री थे|
इससे पूर्व दिल्ली से ही फ़्रंकफ़र्ट की उड़ान में भी बाधा आ गई थी जिसके फलस्वरूप यात्रियों को दूसरी उड़न मुहैय्या करवाई गई|
इस एक प्लेन की कीमत २०० मिल्लियन $ बताई गई है २७ विमान ख़रीदे जाने हैं | पहले विमान के[ ९/१२] स्वागत में वाटर कैनन से सेल्यूट दिया गया था| बेशक यह अतिआधुनिक विमान है और कम खर्च वाला है लेकिन शुरुआत में ही तेल लीक +बैटरी में आग+कोंकपिट की खिड़की और ब्रेक में खराबी को लेकर विश्व भर में इन विमानों की उड़ान पर प्रतिबन्ध लगा दिया गया था जिसके लिए कंपनी ने मुआवजा देने की घोषणा भी की थी अभी वोह पुराना मुआवजा नही मिला है और यह और आर्थिक हानि हो रही है| ऐसे में इन प्लेन्स को खरीदने के लिए अरबों रुपयों का कर्ज [विदेशी मुद्रा में ]उठाया जा रहा है इस डील पर प्रश्न चिन्ह लगना स्वाभाविक है|