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नरेन्द्र मोदी के एन आर आई से संवाद को लेकर भाजपा में केन्द्रीय न्रेत्तव फिर चर्चा में आया

गुजरात के सबसे विवादित मुख्य मंत्री नरेन्द्र मोदी आज कल फिर विवादों में घिरे हैं और इन विवादों के कारण विरोधियों के बीच भी चर्चा का विषय बने हुए हैं |वर्तमान विवाद या चर्चा गुजरात के दंगों के परिपेक्ष्य में बनी मोदी की हिंदूवादी छवि को लेकर नही वरन अब विडियो के माध्यम से भारतीय प्रवासियों के साथ हो रहे मोदी के संवाद हैं| अब मोदी की साम्प्रदाईक छवि नही वरन केन्द्रीय न्रेतत्व की क्षमता को केन्द्रित करके मोदी की चर्चा की जाने लगी है|
बीती आधी रात को अहमदाबाद से विडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से मोदी ने अमेरिका लगभग १८ शहरों में बसे भारतीय प्रवासियों से संवाद कायम किया|इस अवसर पर उन्होंने अपने प्रदेश में विकास के ढोल पीटने के साथ ही केंद्र सरकार की निति विशेष कर विदेश नीति के विरुद्ध बिगुल बजा दिया है|
सरबजीत सिंह की पाकिस्तान के लखपत कोट जेल में ह्त्या के लेकर पाकिस्तान के साथ संबंधों से लेकर चाइना के दबाब में अपनी ही भूमि से अपनी सेनाओं की वापिसी को लेकर केंद्र सरकार की नीतियों पर जम कर प्रहार किये | भाजपा की नई उम्मीद बन कर उभर रहे नरेन्द्र मोदी ने अपने विरोधियों को भी निशाने पर लेते हुए अप्रवासी भारतीयों को बताया के कुछ लोग उनके गुजरात में विकास मॉडल को झुटलाने के लिए साम्प्रदाईक और सेक्युलर के विवाद को हवा देने लगते हैं|और नरेन्द्र मोदी के विकास को झुटला कर स्वयम सेक्युलर बनने का ढोंग करते फिर रहे हैं|
इस अवसर पर मोदी ने भारतीय परम्पराओं को आधार बनाया और देश के पर्यावरण के सुधार के लिए गंगा +जमुना आदि नदियों के महत्त्व को स्वीकार करने और नदियों को उनका दर्ज़ा दिए जाने के वकालत की| संयुक्त परिवार को सामाजिक सुरक्षा की गारंटी बताते हुए कहा के अमेरिका में भी अब परिवार सुधार के लिए आवाजें उठने लगी है|
मोदी ने अपने धुरंधर विरोधी जे दी यू के नितीश कुमार के बिहारीवादी नारे का जवाब एक कदम आगे जाते हुए देते हुए कहा के देश के बाहर रहने वाला प्रत्येक गुजराती भारत का राजदूत है| इसीलिए भारत से बहार रहते हुए प्रत्येक गुजराती स्वयम को भारत का राजदूत समझे|
बेशक नरेन्द्र मोदी को एक विशेष लाबी के दबाब में अमेरिका जाने का विश नहीं दिया गया है लेकिन इसके बावजूद अब इसी तरह विडियो क्न्फ्रेंसिंग करके वहां के एन आर आई के साथ संवाद कायम करने का रास्ता निकाल लिया गया है|यह उपाय ज्यादा प्रभावकारी हो रहा है क्योंकि भारतीय मीडिया और राजनीति इस पर केन्द्रित होने लगी है|अब कहा जाने लगा है के नरेन्द्र मोदी भाजपा में केन्द्रीय न्रेतत्व को कब्जाना चाहते हैं इसीलिए यूं पी ऐ पर भी एटैक कर रहे हैं|