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पंजाबी शिक्षकों को मार्च के रविवार में लाठी,अप्रैल का संडे अप्रैल फूल के लिए

[लुधियाना,पंजाब]आंदोलनरत पंजाबी शिक्षकों को मार्च के रविवार में लाठी,अप्रैल का संडे अप्रैल फूल के लिए |२५ मार्च के रविवार को प्रदेश भर से लगभग १५००० शिक्षक दाना मंडी में एकत्रित हुए और अपनी मांगों के लिए रैली निकाली |सरकार ने उनकी बात सुनने के बजाय पुलिस की लाठी से पिटवा दिया |स्थिति बिगड़ती देख कर अब सी एम से मीटिंग के लिए २ अप्रैल को बुलवाया गया है |पंजाब के हजारों अस्थाई [कॉन्ट्रैक्ट] शिक्षक अपने नियमितीकरण की मांग कर रहे हैं इन्हें बीते तीन साल से रु १०३०० की तनख्वाह मिल रही है |इन्हें गावों में जाना पढता है लेकिन शिक्षकों के अनुसार गावों में जाने के लिए इतना तो आने जाने में ही खर्च हो जाता है|पिछली अकाली +भाजपा की सरकार के दौरान भी शिक्षकों ने आंदोलन किया था,यहां तक के कुछ शिक्षक ऊँचाई पर चढ़ गए थे |उस समय तत्कालीन सरकार ने उन्हें आश्वासन देकर आंदोलन शांत करवाय था |उनके आंदोलन को कांग्रेस का समर्थन प्राप्त था |अब चूँकि कांग्रेस की सरकार है लेकिन कांग्रेस सरकार लगातार खजान खली होने की दुहाई देते हुए शिक्षकों से मुँह मोड़ती आई है|अब आंदोलन ने उग्र रूप धारण कर लिया | आंदोलन रत शिक्षकों ने दानामंडी में पुलिस की बेरिकेडिंग तोड़ कर नेशनल है वे जाम करने के लिए मार्च किया|बदले में उनसे बातचीत करने के लिए किसी नेता को भेजने के बजाय पुलिस को भेजा गया और अहिंसक आंदोलन को समात करने के लिए बर्बर लाठीचार्ज करवा दिया गया |
ये अपने आप में चिंताजनक है के हजारों शिक्षकों को अपने सीएम से मिलने के लिए इतना बढ़ा आंदोलन करने को मजबूर होना पढ़ा ||इसी परिपेक्ष्य में सरकार की निति पर संदेह लगाना स्वाभाविक ही है |क्योंकि सरकार के दूसरे बजट में भी खजाना खाली होने की दुहाई दी जा रही है