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पुलिस पर कब्जे को “आप”का संघर्ष मुम्बई की उगाही कांड का असर तो नही

झल्लीगल्लां
cartoon cheeyar leader aap partyआमआदमीपार्टीचेयरलीडर
ओए झल्लेया! ये क्या हो रहा है? ओए दिल्ली में हसाडी चुनी हुई सरकार के सीमित अधिकारों को भी एलजी की झोली में डाला जा रहा है। पार्लियामेंट में विपक्ष के विरोध के बावजूद केंद्र में सत्तारूढ़ सरकार ने राज्यसभा मे राष्ट्रीय राजधानी राज्य छेत्र शासन ( संशोधन )बिल पारित करवा लिया।बेशक राज्य सभा मे हम अल्पमत में थे फिर भी दिल्ली के दो करोड़ लोगों आवाज बने 83 के मुकाबिले 45 मतों की भावना का आदर किया जाना चाहिए था।इसीके विरोध में मल्लिकार्जुन खड़गे जी सदन से वाकआउट कर गए।
ये केंद्र वाले हम पर कानून व्यवस्था का ठीकरा फोड़ते रहते हैं लेकिन दिल्ली पुलिस की कमान हमे सौंपने को तैयार नही होते।गृह राज्यमंत्री जी किशन रेड्डी इसे संवैधानिक बता रहे हैं।
झल्ला आपसे पूर्ण सहानुभूति है। नोटबन्दी के पश्चात अब पुलिस का झल्लासबइंस्पेक्टर ही 100 करोड़ ₹ की उगाही प्रतिमाह करवा सकता है और पार्टी चलाने के लिए पैसा जरूरी है।इसीलिए पुलिस पर कब्जा भी जरूरी है।