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प्रजातंत्र में आज भीड़ तंत्र के राज का मुम्बई में प्रदर्शन हुआ |

प्रजातंत्र में आज भीड़ तंत्र के राज का मुम्बई में प्रदर्शन हुआ | प्रतिबंध के बावजूद मार्च निकला रैली हुई और दक्षिण मुम्बई का ट्रैफिक जाम हो गया |
११ अगस्त को मुम्बई के आज़ाद मैदान में हुई हिंसा के विरोध में मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने उसी मैदान में रैली का आयोजन किया| इस रैली में महाराष्ट्रा में एन सी पी कोटे के गृह मंत्री आर आर पाटिल और पोलिस कमिशनर ऐ .पटनायक का इस्तीफा मांग लियागया| संसद ने जहां कोयले को लेकर पी एम् के इस्तीफे कि मांग पर विपक्ष अड़ा रहा वहीं मुम्बई में गृह मंत्री और पोलिस कमिशनर के इस्तीफे के लिए रैली भी आयोजित की गई| दिल्ली में संसद स्थगित हुई तो मुम्बई में ट्रैफिक जाम हो गया|
गिरगावं चौपाटी से आज़ाद मैदान तक अपने समर्थकों के साथ पैदल पहुंचे राज ठाकरे ने खुल कर सरकार पर भडास निकाली|उन्होंने पोलिस पर आरोप लगाया कि ११ अगस्त कि हिंसा के बारे में पोलिस को पहले से ही जानकारी थी|इसीलिए इनकी शह पर ही दंगे हुए |इसके अलावा अपने पुराने वोट शत्रु यूं पी और बिहार के लोगों के विरुद्ध जहर उगलने से भी नहीं चूके श्री ठाकरे ने कहा कि इन दोनों राज्यों के लोग भारी संख्या में मुम्बई आ रहे हैं|जिनके कारण वहां[मुम्बई] में अनेकों समस्याएं हो रही हैं|
उन्होंने करंट हाट टापिक बंगलादेशियों को भी टच किया और हिंसा के लिए इन्हें ही दोषी ठहराया|
कांग्रेस और एन सी पी ने इसे अवसरवादी राजनीती बताया जबकि अनेकों लोगों ने मुम्बई के मैरीन ड्राईव पर लगे भारी जाम के लिए व्यवस्था और मनसे को भी कोसा
राजनीतिज्ञों का मानना है कि वर्तमान में बाल ठाकरे बूड़े हो गए है और उनके पुत्र उद्धव ठाकरे दिल का इलाज़ करवा रहे हैं भाजपा वहां निष्क्रिय दिख रही है\ऐसे में वहां कि हिंदूवादी राजनीति में रिक्ति दिखाई दे रही है जिसे भरने के लिए राज ठाकरे ने मौके का लाभ उठाया है|कुछ का मानना है कि संसद में कोयले के मुद्दे पर से ध्यान डायवर्ट करने के लिए यह भी शगूफा ही है|
खैर कुछ हो बिना आज्ञा मार्च निकाल कर ट्रैफिक को बंधक बनाने से व्यवस्था और आयोजकों कि जवाब देही तो बनती ही है