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प्रभु नाम की दौलत तो सब के पास है परन्तु उसमे जड़ -चेतन की गाँठ हैं

भीखा भूखा को नहीं , सब गठरी लाल ।
गिरह खोल नहीं जानते , ताते भये कंगाल ।
भाव : भीखा साहब कहते हैं इस जगत में नाम रुपी लाल सब के पास है , कोई भी
ऐसा नहीं है जिसके पास यह दौलत नहीं है । परन्तु उसमे जड़ -चेतन की
गाँठ बँधी पड़ी है । जब तक यह गाँठ न खुले अर्थात इस पिंड से ऊपर उठकर
नाम का अनुभव न मिले , हम भूखे के भूखे रह जाते हैं ।
वाणी : भीखा जी
प्रस्तुति राकेश खुराना

Comments

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