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बिजली पानी सम्बंधित पत्र तो लिए नहीं फिर दिल्ली सरकार ने किस चमत्कारी यन्त्र से इनकी सत्यता जाँची

असहयोगियों के बिजली पानी सम्बंधित पत्र तो लिए नहीं फिर दिल्ली सरकार ने किस चमत्कारी यन्त्र से इनकी सत्यता जाँची यह यक्ष्य प्रशन आप पार्टी के नेता मनीष शिशोदिया ने आज उठाया है|आम आदमी पार्टी[आप] को एक बार फिर आन्दोलन छेड़ने का अवसर प्राप्त हो रहा है|अब की बार दिल्ली की प्रदेश सरकार स्वयम यह अवसर प्रदान करती दिख रही है| आप पार्टी और दिल्ली की सरकार में आये गतिरोध के टूटने की कोई संभावना नही बनी है|आप द्वारा एकत्र साडे दस लाख पत्रों को प्राप्त करवाने के स्थान पर अब दिल्ली सरकार ने इन पत्रों की सत्यता पर सवालिया निशान लगाने शुरू कर दिए है|इस पर आप पार्टी के नेता मनीष शिशोदिया ने दिल्ली सरकार की हट धर्मी पर सवालिया निशान लगाते हुए पूछा है के जब पहले मुख्य मंत्री श्रीमती शीला दीक्षित के निवास से ५ किलोमीटर पहले ही सत्याग्रहियों को रोक कर उन्हें लौटा दिया गया और अभी तक असहयोगियों के साडे दस लाख पत्रों को प्राप्त करने के लिए कोई व्यवस्था नहीं की गई है |सारे पत्र आप पार्टी के पोजेशन में हैं ऐसे में दिल्ली सरकार ने किस चमत्कारी यंत्र से इन पत्रों की सत्यता की जांच करने में सफलता प्राप्त कर ली है?
गौरतलब है के आम आदमी पार्टी [आप]के, बिजली पानी के बिलों में भ्रष्टाचार को लेकर, 23 अप्रैल को दिल्ली की मुख्य मंत्री को लिखे पत्र पर अभी तक दिल्ली सरकार की तरफ से कोई उत्तर नहीं दिया गया है |अरविन्द केजरीवाल द्वारा बिजली पानी के बिलों को लेकर लिखे पत्र पर दिल्ली सरकार का मौन जारी है जबकि आप ने २८ अप्रैल तक का नोटिस दिया हुआ है| आप पार्टी के नेता मनीष शिशोदिया ने फोन पर बताया है कि श्री मति शीला दीक्षित कि तरफ से कोई कार्यवाही की सूचना नहीं आई है |उलटे साडे दस लाख दिल्ली वासिओं की भावनाओं के साथ खिलवाड़ करते हुए उनकी सत्यता पर प्रशन चिन्ह लगाए जा रहे हैं|यह सत्ता का दंभ ही दर्शाता है|
मालूम हो कि दिल्ली में बिजली पानी के बिलों में भ्रष्टाचार को लेकर आप पार्टी ने १५ दिन तक असहयोग आन्दोलन छेड़ा था जिसके फलस्वरूप साडे दस लाख दिल्ली वासियों ने आप पार्टी के माध्यम से दिल्ली सरकार को पत्र लिखे हैं|इन्हें डिलीवर करने के लिए पहले दिल्ली की मुख्य मंत्री श्रीमती शीला दीक्षित के निवास की तरफ मार्च किया गया था|जिसे दिल्ली पोलिस की सहायता से असफल कर दिया गया था|उस समय कहा गया था कि आप पार्टी ने पूर्व सूचना नहीं दी थी संभवत अब २३ अप्रैल को पूर्व सूचना के तौर पर आप पार्टी के नेता अरविन्द केजरीवाल ने दिल्ली की मुख्य मंत्री श्रीमती दीक्षित को पत्र लिख कर यह ओपचारिकता पूरी कर दी है|लेकिन अभी तक असहयोगी बने साडे दस लाख दिल्ली वासियों के पत्रों को रिसीव करने के लिए दिल्ली की सरकार द्वारा कोई व्यवस्था नहीं की गई है|उलटे अब असहयोगियों के पत्रों पर प्रश्न चिन्ह लगा कर टकराव का रास्ता बनाया जा रहा है |अब चूंकि आप पार्टी द्वारा दी गई डेड लाईन[२८ अप्रैल ] तक गतिरोध टूटने के कोई आसार नज़र नही आ रहे ऐसे में जंतर मंतर पर बिजली +पानी के बिलों से पीड़ित दिल्ली वासियों का एकट्ठ होगा और वहां से दिल्ली की मुख्य मंत्री श्रीमती शीला दीक्षित के निवास की तरफ मार्च की भूमिका बन गई है|