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बिजली बिल का पक चुका ज्वलंत मुद्दा कब्जाने को केजरीवाल ने आज पसीना और विजय गोयल ने आंसू बहाए

दिल्ली में बिजली बिल पर आज सोमवार को हाईवोल्टेज राजनीतिक ड्रामाई अंदाज़ में विरोध और प्रदर्शन हुआ| इंडिया अगेंस्ट करप्शन के अरविन्द केजरीवाल ने जहां लोक पाल की टोपी पहन कर कटे हुए कनेक्शन जोड़ने में पसीना बहाया वहीं भाजपा के विजय गोयल गांधी टोपी पहन कर आये और डीईआरसी पर बिजली के पक चुके मुद्दे को छीनने का भरपूर प्रयास किया|इस दौरान उन्होंने उपभोक्ताओं के समर्थन में आंसू भी बहाए | लोगों की शिकायतें सुनने के लिए आज दिल्ली की डीईआरसी ने जन सुनवाई का आयोजन किया था| इस बैठक में विजय गोयल की अगुवाई में बीजेपी और अरविंद केजरीवाल के बीच बिजली के मुद्दे की छीना झपटी साफ दिखाई दी| श्री केजरीवाल ने बिजली के मुद्दे पर काफी क्रेडिट बटौर लिया है| बीजेपी को लगता है कि ये लोकप्रिय मुद्दा उसके हाथ से निकल ना जाए| लिहाज़ा, बीजेपी भी इस मुद्दे पर अपनी आवाज़ ऊंची करने में लग गई है|. बताते चलें कि अभी तक दिल्ली की राजनीती में केवल भाजपा और कांग्रेस ही चाई हुई थे मगर अब बिजली बिल के मुद्दे ने केजरीवाल को भी जमीन दे दी है| चूंकि दिल्ली में बिजली की बढ़ी कीमतों के विरोध में बीजेपी अपना मुकाबिला अरविंद केजरीवाल से समझ रही है सो इससे पहले कि टीम केजरीवाल मालवीय नगर में डीईआरसी के दफ्तर पहुंचती, बीजेपी के कार्यकर्ता वहां पहुंचे और धरना शुरू कर दिया।केजरीवाल और विजय गोयल ने डीईआरसी का घेराव भी किया।
बीजेपी कार्यकर्ताओं ने डीईआरसी के दफ्तर में तोड़फोड़ भी की।मुख्य द्वार को क्षति पहुंचाई | केजरीवाल की टीम के लोग सफेद टोपी लगाकर आंदोलन करते हैं, जबकि विजय गोयल और उनकी टीम के लोगों ने काली टोपी पहनकर प्रदर्शन किया। एक समय अजीबोगरीब स्थिति हो गई|विजय गोयल गरीबों की दुहाई देते- देते भावुक हो गए और रोने लगे। आज केजरीवाल को दिल्ली के मालवीय नगर में डीईआरसी के दफ्तर के सामने धरना देने आना था लेकिन केजरीवाल के पहुंचने से पहले पहुंच गए बीजेपी के महासचिव विजय गोयल अपने समर्थकों के साथ और उसके बाद हुआ खूब ड्रामा.विपक्ष की दावेदारी में बीजेपी नेता विजय गोयल ने बहाए आंसू. बिजली को लेकर अरविंद केजरीवाल की पार्टी पहले से ही आंदोलन कर रही है और जब केजरीवाल को लोगों का समर्थन मिल रहा है तो अब बीजेपी भी मैदान में उतर आई है
अब केजरीवाल सवाल पूछ रहे हैं कि अब तक बीजेपी कहां थी. केजरीवाल जो सवाल बीजेपी नेताओं से पूछ रहे हैं वो एक मायने में जायज भी है, लेकिन इस कहानी का क्लाइमेक्स अभी बाकी है.
दोपहर करीब डेढ बजे अपना अलग मंच बनाने के बजाये बीजेपी के मंच पर पहुंच गए केजरीवाल|उनकी बगल में खड़े थे विजय गोयल| इस जगह भी केजरीवाल विजय गोयल और बीजेपी नेताओं को जमकर खरी खोटी सुनाने में पीछे नहीं हटें
गौरतलब है कि बिजली को लेकर केजरीवाल इन दिनों शीला सरकार के खिलाफ खुलकर मोर्चा खोले हुए हैं.|दिल्ली में बीजेपी की हालत पहले से पतली है और केजरीवाल को मिल रहे जनसमर्थन ने अब बीजेपी नेताओं को इस हाल में आने को मजबूर कर दिया है.बीजेपी का बिजली मुद्दा लपकना यह जता रहा है कि यह अरविंद केजरीवाल के हाथों मुद्दा जाने का डर था। केजरीवाल और बीजेपी नेता विजय गोयल ने इस मौके पर मंच भी बांटा |
केजरीवाल ने सवाल उठाया कि आखिर वह दरें घटाने की कॉपी क्यों दबाकर बैठी है? मुख्य विपक्षी पार्टी होकर भी बीजेपी ने ये मु्द्दा न तो संसद में और न ही विधानसभा में उठाया। केजरीवाल ने कहा कि हमें किसी तरह का क्रेडिट नहीं चाहिए लेकिन बीजेपी-कांग्रेस दोनों ही आपस में मिले हुए हैं।
बताया जा रहा है कि डीईआरसी की नई योजना के मुताबिक पहले स्लैब में बदलाव कर 0 से 200 यूनिट तक की बिजली को 3 रुपये 70 पैसे प्रति यूनिट के हिसाब से ही फिक्स किया जाएगा। 200 से 400 यूनिट तक का रेट 5 रुपये 70 पैसा रखा जाएगा। यानी दूसरे स्लैब में बिजली की दर में एक रुपये का इजाफा हुआ जबकि 400 से ज्यादा यूनिट के लिए 6 रुपये 40 पैसे के हिसाब से बिल देना होगा।इसके अलावा फिक्स्ड रेट्स भी बड़ा दिए गए हैंजिसके फलस्वरूप चार से पांच गुना अधिक के बिल रहे हैं| केजरीवाल ने बिलों का भुगतान नहें करने और बिलों को जलाने का आह्वाहन किया हुआ है|बिल का भुगतान नहीं करने पर कनेक्शन काटे भी जा रहे हैं|एक बार कनेक्शन जोड़ देने पर दोबारा कनेक्शन काट दिए गए हैं|इससे लोगों में असंतोष और देश की राजधानी में अराजकता के बीज जमने लग गए हैं|