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महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री अजित पवार भी कैग के शिकार हुए: इस्तीफा दिया

महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने आज मंगलवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया है महज ३ महीने में २५ हजार करोड़ की ३२ सिंचाई बांध परियोजनाओं को दी गई मंजूरी पर कैग की नज़र थी इन परियोजनाओं को आनन् फानन में मंजूरी देने की खबर सामने आने के बाद सीएजी ने मामले में ऑडिट करना शुरू कर दिया है। गौरतलब है कि महाराष्ट्र के सिंचाई विभाग का जिम्मा कई सालों तक अजीत पवार के पास रहा। सिंचाई विंभाग के काम करने के तरीके पर पहले ही नाराजगी जताई जाती रही है|। यहां तक कि मुख्य मंत्री पृथ्वी राज चव्हाण ने सिंचाई विभाग पर श्वेतपत्र लाने की बात भी कही है। महाराष्ट्र का सिंचाई मंत्रालय लंबे समय से सीएजी की नजर में था। इस मामले में सीएजी की टीम कल दिन भर मंत्रालय में थी। महाराष्ट्र के विदर्भ इलाके में प्रस्तावित २५ हजार ८३४ करोड़ की बांध परियोजनाओं की ३२ फाइलें महज ३ महीने में पास कर दी गई। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और देश के कृषि मंत्री शरद पवार के भतीजे अजित पवार ने वर्ष २००९ में जून से अगस्त के बीच ये तेजी दिखाई थी। अजित पवार तब महाराष्ट्र के जल संसाधन मंत्री थे। सवाल उठा कि आमतौर पर सुस्ती के लिए पहचानी जाने वाली सरकारी मशीनरी ने ये स्पीड कैसे पकड़ी ?इस प्रश्न ने अब घोटाले की शक्ल अख्तियार कर ली है|
बॉम्बे हाईकोर्ट के नागपुर पीठ में इस बाबत याचिका दाखिल हो चुकी है। बताया जा रहा है की विदर्भ सिंचाई विकास महामंडल से मंजूरी के स्थान पर मंत्री ने मंजूरी दे दी | परियोजनाओं के लिए जो ठेके दिए गए, उस पर सिंचाई विभाग के सचिव के भी हस्ताक्षर नहीं पाए गए हैं। विपक्ष के अलावा सिंचाई विभाग के मुख्य अभियंता विजय पांढरे ने भी इस मामले में भ्रष्टाचार के तमाम आरोप लगाए हैं। जाहिर है, अजित पवार की मुसीबत बढ़ गई है। ऐसे में एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार खुद भतीजे अजीत पवार का बचाव करने सामने आ गए। शरद पवार ने कहा है कि परियोजनाओं को मंजूरी विधानपरिषद में विपक्ष के तत्कालीन नेता नितिन गडकरी की मांग पर दी गई।
अजित पवार ने अपने बचाव में कहा कि ये सभी आरोप सरासर गलत हैं। मेरे कार्य करने का स्टायल यही है कि मैं जल्द से जल्द काम निपटाता हूं लेकिन इसमें भी घोटाला देखा जा रहा है|
अजित पवार ने जाँच की मांग करते हुए कहा कि इस पूरे मामले की जांच हो और मेरे खिलाफ भी जांच हो। पवार ने कहा कि मैंने सीएम को इस्तीफा भेज दिया है। सीएम से अनुरोध है कि वे इस्तीफे को स्वीकार करें।
जहां तक सिंचाई विभाग के कामकाज पर श्वेत पत्र लाने की बात है तो मैं इसका स्वागत करता हूं।