Ad

महिला सुरक्षा बिल पर सरकार की सफाई:जल्द बाजी में नही गंभीरता से लाया गया यह बिल

देश के वित्त मंत्री और पी एम् के लिए कमल हासन के उम्मीदवार पी चिदंबरम ने अपने सहयोगी मनीष तिवारी के साथ आज महिला सुरक्षा बिल पर सरकार की सफाई दी और कहा है कि केंद्र सरकार महिलाओं की सुरक्षा को लेकर बेहद गंभीर है सरकार इसीलिए जल्द अध्यादेश लेकर आई है|यह जल्द बाज़ी में लाया गया नहीं है वरन गंभीरता से लाया गया है| चिदंबरम ने कहा कि सरकार ने वर्मा कमेटी की सिफारिशों को नकारा नहीं है। विवादित अफ्स्पा पर बहुत चर्चा की जरूरत है। इसके बाद ही इसे अध्यादेश में शामिल किया जा सकता है।उन्होंने बजट सत्र में इस बिल को पास करा लेने का आश्वासन भी दिया | उन्होंने उम्मीद जताई कि मजबूत कानून से अपराध कम होंगे।चिदंबरम ने कहा कि जस्टिस वर्मा की सिफारिशों को नकारा नहीं गया है। आम राय नहीं बनने के चलते कुछ सिफारिशों को अध्यादेश में नहीं रखा गया है। उन सिफारिशों पर फिलहाल बहस की जरूरत है। वैवाहिक बलात्कार और कार्यस्थल पर उत्पीडन, किशोर न्याय कानून ,एएफएसपीए,आदि पर अलग अलग राय होने के कारण इन पर विस्तृत बहस को आवश्यक बताया गया |
महिलाओं के खिलाफ यौन हिंसा संबंधी अध्यादेश को राष्ट्रपति द्वारा मंजूरी मिलने के बाद आज ४ फरवरी सोमवार को वित्त मंत्री ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि मुख्य न्यायमूर्ति जे एस वर्मा समिति की सभी सिफारिशों को हालांकि इस अध्यादेश में शामिल नहीं किया गया है लेकिन समिति के किसी भी सुझाव को नामंजूर नहीं किया गया है।उन्होंने इस बात को मानने से इंकार किया कि सरकार ने अध्यादेश लाकर जल्दबाजी की है। चूंकि किसी आपराधिक कानून को बीती घटना[ Ex Post Facto]पर लागू नहीं किया जा सकता इसलिए तुरंत अध्यादेश लाने की आवश्यकता पडी।
किशोर न्याय कानून में संशोधन कर आयु सीमा कम करने की मांग के बारे में चिदंबरम ने कहा कि इसके लिए आम सहमति बनानी होगी उन्होंने कहा कि एएफएसपीए (बल विशेषाधिकार कानून) में संशोधन की मांग के प्रति भी अभी कोई आम सहमति नहीं है। उन्होंने कहा कि वैवाहिक बलात्कार और कार्यस्थल पर उत्पीडन जैसे मुद्दों पर आम सहमति के अभाव में, ही इन्हें अध्यादेश में शामिल नहीं किया गया है।चिदंबरम ने कहा कि अध्यादेश इसलिए लाया गया क्योंकि महिलाओं के खिलाफ अपराध ऐसा मामला है, जिसमें विलंब नहीं किया जा सकता। केवल अध्यादेश के जरिए ही कानून तत्काल बनाया जा सकता है जबकि विधेयक पारित कराने में समय लगेगा।अध्यादेश को केवल ‘ शुरूआती बिन्दु ’ बताते हुए चिदंबरम ने कहा कि राजनीतिक पार्टियों सहित सभी वर्ग के लोगों को इस मुद्दे पर समर्थन देना चाहिए। वित्त मंत्री ने और अधिक त्वरित अदालतों के गठन की आवश्यकता जताते हुए कहा कि इसके लिये और अधिक न्यायाधीशों की भी जरूरत है। उन्होंने कहा कि पुलिस बल विशेषकर सिपाही स्तर के कार्मिकों को अधिक संवेदनशील बनाने की भी आवश्यकता है।

Comments

  1. Kam Harens says:

    Berkeley/Oakland, CA: Zachary’s. Great dish chicago-style pizza. Oh, so very good! This institution needs no advertising, and the wait is always worth it. Try out the Med.

  2. I just want to mention I am just all new to blogging and site-building and definitely enjoyed you’re blog site. Probably I’m want to bookmark your blog post . You surely have great article content. Kudos for revealing your web page.