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मिड-डे मील की शहरी क्षेत्रों में आपूर्ति के लिए भी एन जी ओ को आउटसोर्स किया जा रहा है

मिड-डे मील आपूर्ति के लिए भी एन जी ओ को आउटसोर्स किया जा रहा है |वर्तमान वर्ष 2013-14 में देश भर में इस कार्यक्रम में 447 गैर सरकारी संगठन संलग्‍न हैं। इस कार्यक्रम में काम कर रहे गैर सरकारी संगठनों की सबसे ज्‍यादा संख्‍या उत्‍तर प्रदेश और कर्नाटक में क्रमश: 185 और 102 है। अभी तक मिड डे मील के नियमों के उल्‍लंघन की केवल छह शिकायतें मंत्रालय द्वारा स्वीकार की जा चुकी हैं|
मानव संसाधन विकास राज्‍यमंत्री डॉ. शशि थरूर ने एक प्रश्‍न के लिखित उत्‍तर में आज राज्‍य सभा में यह जानकारी दी कि शहरी क्षेत्रों में विद्यालय प्रांगणों में जहां गैर सरकारी संगठनों/ट्रस्‍टों/केंद्रीयकृत रसोइयों जो कि बच्‍चों को भोजन उपलब्‍ध कराने में संलग्‍न हैं, के लिए रसोई-सह-भंडार के लिए स्‍थान नहीं है। मंत्री महोदय ने कहा कि वहां इस महत्‍वपूर्ण योजना में मिड डे मील की आपूर्ति को गैर सरकारी संगठनों को (एनजीओ) आउट सोर्स किया जा रहा है।
उन्‍होंने कहा कि मिड डे मील के दिशा निर्देश ,पंचायती राज संस्‍थानों+ स्‍वयं सहायता समूहों+ माता संगठनों और स्‍थानीय समाज की सहायता से मिड डे मील को रसोइये-सह-सहायक की सहायता से स्‍कूल के रसोई-सह-भंडार में पकाने पर जोर देते हैं।
इस कार्यक्रम के अंतर्गत संलग्‍न गैर सरकारी संगठनों के लिए सरकार द्वारा निर्धारित मानदण्‍ड के संबंध में एक अन्‍य प्रश्‍न का उत्‍तर देते हुए मंत्री महोदय ने कहा कि मिड डे मील दिशा निर्देशों के अनुसार संलग्‍न गैर सरकारी संगठनों के मानदण्‍ड निम्‍न प्रकार है– गैर सरकारी संगठन को आपूर्ति कार्य आवंटित करने का निर्णय सरकार द्वारा अधिकारित संस्‍था लेगी जैसे ग्राम पंचायत, वीईसी/एसएमसी/पीटीए, म्‍युनिसिपल कमेटी/कॉरपोरेशन आदि।- एजेंसी को सोसायटी एक्‍ट के तहत अथवा सार्वजनिक ट्रस्‍ट एक्‍ट के तहत पंजीकृत होना चाहिए और यह कम से कम पिछले दो वर्षों से अस्तित्‍व में होनी चाहिए। इसके पास समूचित रूप से गठित प्रबंधक/प्रशासकीय ढांचा होना चाहिए, जिसके कार्यों और अधिकारों इसके संविधान में स्‍पष्‍ट उल्‍लेख हो।
गैर सरकारी संगठन और स्‍थानीय निकाय के मध्‍य होने वाले अनुबंध/समझौते में पक्षों का उत्‍त्‍रदायित्‍व और प्रदर्शन न करने पर उनके प्रतिफल परिभाषित होने चाहिए। बच्‍चों के लिए गैर सरकारी संगठन द्वारा आपूर्ति किए जा रहे भोजन की मात्रा और गुणों की जांच और निरीक्षण की सख्‍त व्‍यवस्‍था का होना भी इसमें शामिल होना चाहिए।
0 चयनित मिड डे मील आपूर्तिकर्ता बगैर किसी लाभ के आधार पर आपूर्ति करेगा और कार्यक्रम अथवा उसके किसी सहायक हिस्‍से का उप ठेका किसी अन्य को नहीं सौंपेगा।
0 इस प्रकार की मिड डे मील योजनाओं में संलग्न गैर सरकारी संगठन के प्रदर्शन का मूल्‍यांकन प्रत्‍येक वर्ष एक विश्‍वसनीय मूल्‍यांकन व्‍यवस्‍था के माध्‍यम से होना चाहिए। गैर सरकारी संगठन के साथ हुए समझौते का अगले वर्ष के लिए नवीनीकरण वर्तमान वर्ष में उसके प्रदर्शन के संतोषजनक पाए जाने पर निर्भर होना चाहिए।
pएनजीओ द्वारा नियम तोड़े जाने के मामलों का विवरण देते हुए डॉ शशि थरूर ने कहा कि मिड डे मील के नियमों के उल्‍लंघन की छह शिकायतें मंत्रालय की जानकारी में आई हैं। इन शिकायतों को संबंधित राज्‍यों को जांच और इन पर रिपोर्ट करने के लिए भेज दिया गया था। ऐसे चार मामलों में राज्‍य सरकारों में संबंधित गैर सरकारी संगठनों के बिलों से अनुपाति उगाही की है।