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राहुल गाँधी को नफरत की राजनीती में दादी और पिता की तरह अपनी हत्या किये जाने का शक है इसीलिए नफरत के कारणों को दूर करने की जरूरत है


झल्ले दी झल्लियाँ गल्लां

बौखलाया भाजपाई

ओये झल्लेया यार ये कांग्रेसी और कितना नीचे गिरेंगे देख तो इनके प्रधान मंत्री पद के वारिस राहुल गाँधी ने हसाडी सोणी भाजपा को बदनाम करने के लिए कैसे घिनौने आरोप लगाने शुरू कर दिए हैं |ओये इस राहुल गाँधी को पहले मध्य प्रदेश में अपनी माता सोनिया गाँधी की बीमारी याद आई तो अब राजस्थान विधानसभा के चुनाव प्रचार के दौरान ही याद आया कि उन्हें मारने की कौशिश की जा सकती हैं |और तो और सारा दोष भाजपा के सर मढने के लिए शब्द जाल बुन दिया | ये तो सरासर इमोशनल ब्लैक मेलिंग है

झल्ला

सेठ जी ये सीरियस मामला है कोई मजाक की बात नहीं| यह कड़वा सच है कि राहुल गाँधी की दादी श्री मति इंदिरा गाँधी और पिता राजीव गाँधी की अलग अलग दौर में और कारणों से न्रिशंश हत्या हुई है |दुर्भाग्य से देश में विकास कम और बदले की भावना से काम ज्यादा हो रहा है शायद नफरत फ़ैलाने में कहीं ना कहीं नीतियों का भी हाथ है इसीलिए राहुल गाँधी ने जिस प्रकार बकवास आर्डिनेंस को फाड़ कर एक सकारात्मक राजनीती की पहल की है उसी पर चलते हुए नफरत के कारणों का पता लगावा कर उन्हें भी दूर करने का प्रयास शुरू कर देना चाहिए