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सड़क दुर्घटनाओ के प्रति न्यायपालिका गंभीर:शासन और प्रशासन को भी आगे आना होगा

सड़क दुर्घटनाओं में हो रही मौतों के प्रति न्यायपालिका ने लगता है कडा रुख अपना लिया है| दो ताज़ा मुकद्दमो में न्यायाधीशों द्वारा बड़ी पेनाल्टी लगा कर पीड़ितों के प्रति न्याय किया गया है|
[ १] अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश-2/ मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण ने न्यू इंडिया इंश्योरेंस कंपनी को आदेश दिया है कि वह पत्रकार शैलेंद्र सिंह के परिजनों को एक करोड़ 98 लाख रुपये का मुआवजा दे। शैलेंद्र सिंह की 2009 में सड़क दुघर्टना में मौत हो गई थी। वैशाली में रहने वाले शैलेंद्र सिंह एक निजी टीवी चैनल में एडीटर थे। 18 जून 2008 को वह अपनी पत्नी मेहंदी वरदान और दो बच्चों के साथ कार से नोएडा एक्सप्रेसवे पर जा रहे थे। रास्ते में ट्रक चालक ने ओवरटेक कर ट्रक को कार के आगे ले जाकर रोक दिया। इससे कार अनियंत्रित होकर ट्रक में घुस गई थी। इस दुर्घटना में शैलेंद्र की मौत हो गई थी। उनकी पत्नी और बच्चे घायल हो गए थे। इस मामले में पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर ट्रक को कब्जे में ले लिया था। शैलेंद्र की मौत के बाद परिवार की स्थिति खराब हो गई। शैलेंद्र की पत्नी ने ट्रक मालिक , ट्रक चालक और इंश्योरेंश कंपनी को पार्टी बनाते हुए कोर्ट में याचिका दायर की थी। याचिका में कहा गया कि उनके पति को एक लाख 65 हजार रुपये प्रतिमाह वेतन मिलता था। वह किताबें भी लिखते थे , जिनकी रॉयल्टी मिलती थी। उन्होंने इंश्योरेंश कंपनी से उन्हें चार करोड़ रुपये का मुआवजा दिलाने की मांग की थी। शुक्रवार को एडीजे -2 कोर्ट की न्यायाधीश सरोज यादव ने मामले की अंतिम सुनवाई करते हुए साक्ष्य के आधार पर इंश्योरेंश कंपनी को क्षतिपूर्ति के रूप पीडि़ता को एक करोड़ 98 में लाख 45 हजार रुपये का भुगतान छह प्रतिशत ब्याज के साथ करने का आदेश दिया।
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पत्रकार शैलेंद्र सिंह के परिजनों को एक करोड़ 98 लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश


[२] एक दूसरी सड़क दुर्घटना में 80 फीसदी विकलांग हुए 26 वर्षीय युवक को मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण ने मुआवजे के तौर पर 17 लाख एपये से अधिक की राशि देने का आदेश दिया है। इस युवक को चार साल पहले लापरवाही से चलाए जा रहे एक ट्रक ने टक्कर मार दी थी।न्यायाधिकरण ने ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड को निर्देश दिया कि वह दिल्ली निवासी राज कुमार को 17.42 लाख एपये मुआवजा के तौर पर दे। राजकुमार दुर्घटना में घायल हो गया था। दुर्घटना में शामिल वाहन का बीमा इसी कंपनी ने किया था।
न्यायाधीशों की टिपण्णी है कि शिकायतकर्ता कुमार की तरफ से कोई लापरवाही नहीं हुई थी। ऐसे में स्पष्ट हो जाता है की प्रशासन+चालक+और मालिक भी दोषी हैं|अभी हाल ही में व्यंगकार जसपाल भट्टी का जालंधर से समीप+पूर्व मंत्री येरन का आंध्र प्रदेश +एडिटर शैलेन्द्र का नोएडा एक्सप्रेसवे पर एक्सीडेंट में निधन हुआ |ऐसे अनेकों उदहारण है जिनमे आम आदमी के साथ वी आई पी भी शिकार हो रहे हैं| सडकों की ख़राब हालत +ड्राईवरों का ड्राईविंग परीक्षण+ हाई वे निर्माण के त्रुटियाँ इसके लिए जिम्मेदार हैं| विकास का ढोल पीटते समय व्यवस्था की खामियों को अनदेखा किया जाना किसी भी समाज के लिए लाभकारी साबित नही होता|
गौरतलब है की सड़क दुर्घटनाओं में मरने वालों की संख्या में लगातार वृधि हो रही है न्यायालयों के इन आदेशों से बेशक पीड़ित परिवारों को आर्थिक राहत मिलेगी मगर दोषी चालाक और वाहन कंपनियों पर लगाम कसने के अतिरिक्त प्रशासन को चुस्त दुरुस्त करने के लिए किसी भी व्यवस्था का अभाव है|चूंकि सारा दाईत्व नयापलिका पर नहीं डाला जा सकता इसीलिए कार्यपालिका को भी आगे आना होगा