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सितार,सरोद के बाद अब एयर लाइन्स में एतिहासिक तबला भी निशाने पर :संगीत के सुर बेमानी होते जा रहे हैं ?

बीते सप्ताह विश्व प्रसिद्द तबला वादक उस्ताद जाकिर हुसैन का एतिहासिक तबला गायब कर दिया गया है|यह घ्रणित कार्य संवेदनहीन होती जा रही एयर लाइन्स में हुआ है|कलाकार ने ट्विटर पर दुःख के साथ अपना आक्रोश इस प्रकार व्यक्त किया है|इस्ताम्बुल[Istambul] से पेरिस और रेन्नेस[rennes ] की :ट्रांजिट फ्लाईट से तबला गायब किया गया है|यह तबला उनके जीवन में महत्वपूर्ण इसीलिए है क्योंकि इसे उनके पिता और गुरु उस्ताद अल्ला रख़ा खान साहब ने दिया था|इससे पूर्व भारतीय ध्वज कैरियर एयर इंडिया में उस्ताद अमजद अली खान के सरोद [२०१०]को हानि पहुंचाई जा चुकी है|
आठ साल पहले भी एयर फ्रांस एयर लाइन्स में इस्ताम्बुल में ही पंडित रवि शंकर के दो सितार तोड़ डाले गए थे |लगता है की गोलियों की गड गडाहट के बीच संगीत के सुर बेमानी होते जा रहे हैं तभी अब विश्व को अपने मधुर संगीत से मंत्र मुग्ध करने वाले विख्यात संगीतकारों के महत्वपूर्ण वाद्य यन्त्र गायब किये जाने लगे हैं|यह अपने आप में आश्चर्यजनक इसीलिए है कि सबसे सुरक्षित मानी जा रही विमान सेवाओं में यह हो रहा है और वीभत्स भी है क्योंकि यह एक वर्ग या धर्म विशेष के नाम वाले कलाकारों के साथ हो रहा है| अब एयर लाइन्स द्वारा षड्यंत्र के रूप में हवाई यात्रा के दौरान संगीत वाद्य यंत्रों के लिए अतिरिक्त शुल्क लगाए जाने की घोषणा कर दी गई है|संगीत का अपना कोई धर्म या मजहब नहीं होता संगीत तो केवल संगीत है| अच्छा संगीत अमरत्व प्राप्त करता है| शायद इसीलिए भारत में तो संगीत और संगीत कारों की पूजा भी होती है लेकिन ध्वज वाहक एयर इंडिया और नियामक डी जी सी ऐ द्वारा इनकी सुरक्षा करने के बजाय अतिरिक्त शुल्क लगाया जाना निंदनीय ही कहा जा सकता है|