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सिब्बल जी देसी छात्रों के साथ अमेरिका में वीजा खिलवाड़ बंद कराईये

अमेरिका के कैलिफोर्निया में सन्नीवेल स्थित हरगुआन विश्वविद्यालय के सीईओ जेरी वैंग पर वीजा धोखाधड़ी का आरोप लगाया गया है इससे विश्वविद्यालय के करीब 450 छात्रों का भविष्य अंधकारमय हो गया है। इनमें से अधिकांश भारतीय हैं।एक वर्ष पहले प्रवास संबंधी घोटाले के चलते एक और ट्राई वैली विश्वविद्यालय को अमेरिकी अधिकारियों द्वारा इसी आरोप में बंद किया जा चुका है[ भारत में मानव संसाधन विकास मंत्रालय से इस विषय में हस्तक्षेप करके भारतीय छात्रों का भविष्य बचाने की उम्मीद भी की जा रही है
अमेरिका के संघीय अधिकारियों ने गुरुवार को कैलिफोर्निया में सन्नीवेल स्थित हरगुआन विश्वविद्यालय पर छापा मारकर इसके सीईओ जेरी वैंग को गिरफ्तार कर लिया। उन पर वीजा धोखाधड़ी संबंधी 15 आरोप लगाए गए हैं। ‘द सैन जोस मर्करी न्यूज’ अखबार के मुताबिक जांच अभी जारी है। हरगुआन में दाखिला लेने वाले करीब 450 छात्रों के प्रवास को लेकर अनिश्चितता की स्थिति बनी हुई है। विश्वविद्यालय ने अपनी बेवसाइट पर लिखा है कि श्री वेंग ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है
34 वर्षीय वैंग पर वीजा की खातिर फर्जी दस्तावेज का प्रयोग कर बिना मान्यता वाले विश्वविद्यालय में छात्रों को पढ़ने के लिए लुभाने का आरोप है। आरोपों के साबित होने पर उन्हें 85 वर्ष की जेल हो सकती है और करीब 10 लाख डॉलर [लगभग साढ़े पांच करोड़ रुपये] जुर्माना देना पड़ सकता है। वैंग के माता-पिता पर भी आरोप लगाए गए हैं। उन पर 2007 से 2011 के बीच जाली वीजा दस्तावेज तैयार करने के आरोप हैं। वैंग ने विश्वविद्यालय के छात्रों का नकली वीजा रिकॉर्ड रखने के लिए उनसे टयूशन फीस और अन्य शुल्क लिए थे।
पिछले साल भी इसी तरह के एक मामले में ट्राई वैली विश्वविद्यालय के प्रेसिडेंट सुसान जिआओ-पिंग को विदेशी छात्रों को दाखिला देने के लिए जाली दस्तावेज प्रस्तुत करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। इसमें भी दाखिला लेने वाले अधिकांश छात्र भारत के थे। जांच में पता चला था कि सुसान छात्रों से ट्यूशन फीस ले रहे थे, लेकिन उनके लिए कक्षा में जाना जरूरी नहीं था। वास्तव में इस विश्वविद्यालय के छात्र अमेरिका के विभिन्न हिस्सों में फैले हुए थे। ट्राई वैली में करीब 1500 भारतीय छात्र पढ़ते थे और बाद में इसे बंद कर दिया गया था|
भारत में मानव संसाधन विकास मंत्रालय से इस विषय में हस्तक्षेप करके भारतीय छात्रों का भविष्य बचाने की उम्मीद भी की जा रही है