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वेंडी डोनेगर की एक और पुस्तक “आन हिन्दुज़्म” को बैन करने के लिए शिक्षा बचाओ आन्दोलन समिति ने मुहीम छेड़ी

शिक्षा बचाओ आन्दोलन समिति ने एक और पुस्तक एक और पुस्तक “आन हिन्दुज़्म” को बैन करने के लिए मुहीम छेड़ दी है | वेंडी डोनेगर दवरा रचित इस पुस्तक को “एल्फ बुक कंपनी” ने छापा है और रूपा पब्लिकेशन इंडिया इसकी प्रोमोटर है|
शिकागो विश्वविद्यालय में सहायक प्रोफेसर वेंडी डोनेगर की पुस्तक ‘द हिन्दू : एन अल्टरनेटिव हिस्ट्री’ का मसला अभी थमा भी नही था कि लेखिका वेंडी डोनेगर की एक और पुस्तक “आन हिन्दुज़्म” में छपी आपत्तिजनक सामग्री के चलते इस पुस्तक पर प्रतिबन्ध की तैयारी शिक्षा बचाओ आन्दोलन समिति ने शुरू कर दिया है|शिक्षा बचाओ आन्दोलन समिति ने लेखिका पर दुर्भावना से हिन्दू धर्म की मान्यताओं और भारतीय इतिहास को विकृत करने का आरोप लगाया है

shiksha Bachaao Andolan Samiti P C

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. शिक्षा बचाओ आंदोलन समिति के सहसंयोजक “अतुल कोठारी” ने दिल्ली के प्रेस क्लब में मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि अभी मौखिक रूप से लेखिका वेंडी डोनेगर की इस पुस्तक को पेंगुईन प्रकाशक की तर्ज़ पर बाज़ार से वापस लेने के लिए तैयार हो गया है. परंतु रूपा पब्लिकेशन इंडिया ने वेंडी डोनेगर की इस पुस्तक “आन हिन्दुज़्म” को बाजार से वापस लेने के फैसले को एक सप्ताह के अन्दर लिखित रूप में शिक्षा बचाओ आन्दोलन समिति को नही दिया तो लोकतांत्रिक तरीके से उसके खिलाफ कार्यवाही शुरू की जाएगी.
गौरतलब है कि 10 फरवरी 2014 को दीनानाथ बत्रा तथा अन्य और पेगुइन पब्लिसर्स के मध्य में सिविल सूट नं. 360/2011 के मध्य अनुबंध हुआ है जिसमें पेगुइन बुक इंडिया प्राईवेट लिमिटेड ने तत्काल प्रभाव से ‘द हिन्दू : एन अल्टरनेटिव हिस्ट्री’ की पुस्तक को तत्काल वापस ले लिया था तथा प्रकाशक पेंगुईन द्वारा अपने खर्च पर सम्पूर्ण पुस्तकें देश से एकत्रित करा कर नष्ट करने के लिए समझौता किया था
पुस्तक में हिन्दु देवी-देवताओं का अपमान, क्रान्तिकारियों तथा इतिहास को विकृत रूप से प्रस्तुत करने के परिणामस्वरूप यह मुकदमा अतिरिक्त जिला न्यायाधीश साकेत की अदालत में केस दर्ज किया गया था.
शिक्षा बचाओ आन्दोलन समिति के संयोजक दीनानाथ बत्रा ने मीडिया से कहा कि अमेरिका में एक कार्यक्रम में लेखिका वेंडी डोनेगर के ऊपर अंडा फेका गया था तो प्रतिक्रिया में लेखिका ने कहा था कि वें इसके उत्तर में एक किताब लिखेगीं. लेखिका की इस प्रकार की आपत्तिजनक पुस्तकों से भारत पर ‘बौद्धिक आक्रमण’ के माध्यम से अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत की छवि धूमिल की जा रही है, जो कि असहनीय है.
शिक्षा बचाओ आन्दोलन समिति के मीडिया प्रभारी राजीव गुप्ता ने मीडिया को बताया कि मात्र प्रकाशक का अंतर है अन्यथा लेखिका की इस पुस्तक में भी प्रकाशित सामग्री लगभग वैसे ही आपत्तिजनक है जैसे कि इनकी पुस्तक ‘द हिन्दू : एन अल्टरनेटिव हिस्ट्री’ में थी.