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लाल कृष्ण अडवाणी ने चुनावी माहौल में कानून व्यवस्था के प्रति सरकार की उपेक्षा पर प्रश्न चिन्ह लगाये

लाल कृष्ण अडवाणी ने चुनावी माहौल में कानून व्यवस्था पर प्रश्न चिन्ह लगाये हैं| भाजपा के वयोवृद्ध नेता और वरिष्ठ पत्रकार
अडवाणी ने अपने नवीनतम ब्लॉग में देश की कानूनी अदालतों में केसों की पैंडेंसीपर चिंता व्यक्त करते हुए सनी देओल की फ़िल्म दामिनी के मशहूर डायलाग तारीख पे तारिख[ Date After Date After Date ] का भी प्रयोग किया| ब्लॉग के टेल पीस[ TAILPIECE ] में अडवाणी ने बताया है कि
[१]भारत में ३० मिलियन[ 30 million]केस पेंडिंग हैं
[२]इनमे से ८०% लोअर कोर्ट्स में लंबित हैं
[३]हाई कोर्ट्स में ४ मिलियन केस पेंडिंग हैं
[४] यहाँ तक की सुप्रीम कोर्ट में भी ६६ हजार केस तारीखों के इन्तेजार में हैं
ब्लॉगर ने नेशनल कोर्ट मैनेजमेंट सिस्टम [ National Court Management System ] के हवाले से बताया है कि वर्त्तमान में १९ हजार जज हैं इनमे से १८ हजार जज ट्रायल कोर्ट्स में हैं जिनके फलस्वरूप एक सिविल केस की सुनवाई के लिए १५ साल तक का समय लग जाता हैं |उन्होंने बताया कि बीते तीस सालों में बेशक जजों की नियुक्ति में छह गुना वृद्धि हुई है लेकिन कोर्ट्स में केसों की संख्या में १२ गुना इजाफा हुआ है |वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक अडवाणी ने चिंता व्यक्त करते हुए बताया कि आने वाले तीस सालों में भारत में १५० मिलियन केस होंगें जिनके निबटारे के लिए ७५ हजार जजों की जरुरत होगी |१५० मिलियन केसों को सोल्व करने के लिए कोई मार्ग या इच्छाशक्ति नजर नहीं आ रही|