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डॉ मन मोहन सिंह ने पंजाब के पूर्व मुख्य मंत्री सरदार [स्वर्गीय]बेअंत सिंह के सम्‍मान में डाक टिकट जारी किया

प्रधानमंत्री डॉ मन मोहन सिंह ने आतंक वाद से लोहा लेने वाले पंजाब के पूर्व मुख्य मंत्री सरदार स्वर्गीय बेअंत सिंह के सम्‍मान में डाक टिकट जारी किया|
डॉ0 मनमोहन सिंह ने आज नई दिल्‍ली में पंजाब के पूर्व मुख्‍यमंत्री सरदार बेअंत सिंह के सम्‍मान में एक डाक टिकट जारी किया। आतंक वाद से जूझ रहे पंजाबमें शांति और सद्भाव का वातावरण कायम करते हुए उन्‍हें अपना जीवन तक गंवाना पड़ा।
इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने कहा
”हम लोग यहां पंजाब और भारत के एक महान सपूत सरदार बेअंत सिंह जी को श्रद्धांजलि देने के लिए आज यहां इकट्ठे हुए हैं।
सरदार बेअंत सिंह जी को पंजाब को तब सुदृढ़ और पक्‍का नेतृत्‍व देने के लिए याद किया जाता है जब यह राज्‍य बहुत मुश्किल दौर से गुजर रहा था। पंजाब के मुख्‍यमंत्री की हैसियत से उन्‍होंने राज्‍य में सामान्‍य स्थिति बहाल की। इससे पहले कई वर्षों से वहां आतंकवादी हिंसा चल रही थी। उन मुश्किल दिनों में पंजाब में शांति की बहाली कोई आसान काम नहीं था और यह सरदार बेअंत सिंह जी के अद्भुत नेतृत्‍व के गुणों को श्रद्धांजलि है कि उन्‍होंने ऐसे मुश्किल दौर में यह काम कर दिखाया। अगर मोटे तौर पर हमारा समाज आज शांतिपूर्ण और धर्मनिरपेक्ष बना हुआ है, तो यह सरदार बेअंत सिंह जैसे नेताओं की देशभक्ति और हिम्‍मत के ही कारण है। हमारी स्‍वतंत्रता ऐसे ही नेताओं के कठोर परिश्रम और बलिदान की नींव पर टिकी हुई है। इसीलिए यह हमारा कर्तव्‍य बनता है कि हम विभाजक ताकतों के खिलाफ संघर्ष में योगदान करें क्‍योंकि ऐसी ताकतें अब भी हमारे समाज के लिए खतरा बनी हुई हैं। सरदार बेअंत सिंह जी का कार्यकाल काफी लंबा रहा और यह चार दशकों तक फैला हुआ है। 23 वर्ष की आयु में उन्‍होंने सेना की नौकरी छोड़ दी और जनता की सेवा के लिए आगे बढ़े। तब से उन्‍होंने अनेक महत्‍वपूर्ण पदों पर रहकर सेवा की। उनका सार्वजनिक सेवाकाल ऐसे समय शुरू हुआ जब 1947 में बंटवारे के कारण आम जनता का जीवन मुश्किल हो गया था। 1992 में वह पंजाब के मुख्‍यमंत्री बनें। आगामी वर्षों में उन्‍होंने कई सार्वजनिक पदों पर काम किया। वह ब्‍लॉक समिति के अध्‍यक्ष रहे। पांच बार पंजाब विधानसभा के लिए निर्वाचित हुए और पंजाब सरकार में मंत्री रहे। वह पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमिटी के तब अध्‍यक्ष बनाए गए, जब यह राज्‍य 1986 से 1995 तक बहुत मुश्किल दौर से गुजर रहा था।
1992 से 1995 तक पंजाब के मुख्‍यमंत्री रहते हुए सरदार बेअंत सिंह जी ने ऐसी समझदारी और दूरदृष्टि से काम लिया जो सार्वजनिक जीवन में बहुत कम दिखाई देती है। राज्‍य के पुनर्निर्माण और सुलह सफाई का माहौल बनाने के लिए उन्‍होंने अथक प्रयास किए। इसके परिणामस्‍वरूप ही राज्‍य में शांति और सद्भाव का वातावरण कायम हुआ। पंजाब में उन्‍होंने आशा की नई किरण दिखाई और राज्‍य की भावी प्रगति की आधारशिला रखी। इसी प्रयास में उन्‍हें अपना जीवन गंवाना पड़ा।
मुझे इस बात की बहुत खुशी है कि डाक विभाग ने सरदार बेअंत सिंह जी के सम्‍मान में एक डाक टिकट जारी किया है। यह इस महान नेता के प्रति हमारा छोटा सा अभार प्रदर्शन है। मैं एक बार फिर सरदार बेअंत सिंह जी को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। मैं कामना करता हूं कि उनकी महान परंपरा हमेशा चलती रहे।”
Photo caption
The Prime Minister, Dr. Manmohan Singh releasing a postage stamp in honour of Sardar Beant Singh, former Chief Minister of Punjab, in New Delhi on December 17, 2013.