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भारतीय बलों के राहत कार्यों को पलीता लगाने के लिए पथराव, पीड़ित कश्मीरियों से विश्वासघात

भारतीय बलों के राहत कार्यों को पलीता लगाने के लिए पथराव पीड़ित कश्मीरियों से विश्वासघात भारतीय सशस्त्र बलों के अथक प्रयासों को पलीता[ सबोटेज] लगाने के लिए कुछ कथित पीड़ितों द्वारा पथराव किया जा रहा है यह वास्तविक पीड़ितों के साथ विश्वासघात के अलावा देश द्रोह भी है|
कश्मीर में बाढ़ पीड़ितों को राहत मुहैया कराने हेतु सशस्त्र बलों के कर्मियों के अथक प्रयासों के बीच उनके हेलीकाप्टरों पर पथराव और नौकाओं पर छुरी चलने की दुर्भाग्पूर्ण घटनाएँ होनी शुरू हो गई हैं | बाढ़ में फंसे हुए लोगों को राहत सामग्री उपलब्ध करने वाले विमान और पानी से बहार निकलने में व्यस्त नौकाओं को निशाना बनाया जा रहा है |पाकिस्तान की तरफ से इस बाढ़ के प्रति भटकने वाला बयान आने के बाद यह पथराव शुरू हुआ है|सीमा पार से इस बाढ़ को लव बाढ़ कहा जा रहा है|
इस सब के बावजूद सुरक्षा कर्मियों ने कहा है कि सभी तक मदद पहुंचाने से पहले वे दम नहीं लेंगे।
आपदा जब आती है तो यह भेदभाव नहीं करती। उसी प्रकार भारतीय फौज भी भेदभाव के बगैर ही अपने अभियान को सफल बनती आ रही है|सेना के अपने एक बढे छेत्र में तबाही मचने के उपरांत भारतीय सेना ने पूरे काश्मीर में राहत अभियान चलाया हुआ है|
गौरतलब है कि असैन्य आबादी के साथ ही देश के विभिन्न हिस्से से तैनात सुरक्षा बल भी बुरी तरह चपेट में आए हैं। समूची कश्मीर घाटी में कैंपों में पानी घुसने के कारण उन्होंने अपना सामान खो दिया और उनके हथियार क्षतिग्रस्त हो गये या वे बेकार हो गए। सैनिक अस्पताल की एक मंजिल तक तबाह हो गई| बाढ़ के बाद अब वहां महामारी की आशंका व्यक्त की जाने लगी है जिसके लिए केंद्र सरकार ने मेडिकल ऐड की बढ़ी खेप भेजना शुरू कर दिया है|
ऐसा नहीं कि केवल केंद्र ही इस दिशा में है राज्य सरकार भी किंकर्तव्य विमूढ़ स्थिति से बाहर निकल आई है|
जम्मू कश्मीर में बाढ़ की आपदा में प्रयासों को बचाव से राहत और पुनर्वास की दिशा में बढ़ाया जा रहा है और इस बीच राज्य सरकार ने आज 200 करोड़ रुपयों+तीन महीने का भोजन मुफ्त के सहायता पैकेज का ऐलान किया है |
बेघर हुए लोगों को घर बनाने के लिए 75,000 रपये की पहली किश्त और मृतकों के परिजनों के लिए 3.5 लाख रपये की अनुग्रह राशि की घोषणा की गई है |उच्चतम न्यायालय द्वारा भी इस अभियान पर नजर रखी जा रही हैं
इसीलिए उच्चतम न्यायालय ने केंद्र सरकार के इस दृष्टिकोण को दरकिनार कर दिया है कि न्यायपालिका को जम्मू कश्मीर बाढ़ मामले में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए\
उच्चतम न्यायालय ने केंद्र कहा कि पीड़ितों को तत्काल राहत मुहैया कराने के साथ ही राहत तथा बचाव कार्य के लिये एकीकृत एजेन्सी स्थापित करने पर विचार करे।
फोटो कैप्शन
Armed forces personnel evacuating an ailing person from flood affected area of Jammu & Kashmir, on September 10, 2014.