Ad

प्रियंका वढेरा बेशक राजीव गांधी की बेटी ही हैं मगर अपने पिता की गलती को दोहराना भी तो जरूरी नहीं है

झल्ले दी झल्लियां गल्लाँ

भाजपाई छुट भैय्या

ओये झल्लेया देख तो ये प्रियंका गांधी वढेरा अमेठी में अपने भाई के चुनाव प्रचार के दौरान गाने लग गई है “में चाहे ये करूँ में चाहे वोह करूँ मेरी मर्जी” और इसी धुन में डूब कर देश की सबसे बड़ी सुरक्षा एजेंसी स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप [SPG ]का ही मखौल उड़ा कर रख दिया| अरे एस पी जी की ४-४ गाड़ियों से चाबी निकाल कर सुरक्षा के घेरा को तोड़ ताड़ कर तिलोई की तरफ निकल भागी |ओये राहुल गांधी को हसाड़ी उम्मीदवार स्मृति ईरानी से बचाने +अपने पति रोबर्ट वढेरा की सपोर्ट में महज पॉपुलैरिटी गेन करने के लिए ये भागम भाग करने लग गई ये अच्छी बात नहीं है कल खुद न खस्ता कुछ हो गया तो ७ मई को होने वाले चुनावों में हसाड़ी पार्टी को ही बदनाम किया जाएगा

झल्ला

ओ मेरे सेठ जी वाकई राजीव गांधी की शहादत बाद उनके परिवार को नियमों में फेर बदल करके एस पी जी की सुरक्षा मुहैया करवाई गई है| ऐसे में अपने तुच्छ राजनितिक लाभ के लिए उस व्यवस्था का मजाक नहीं उड़ाना चाहिए |झल्लेविचारानुसार राजीव गांधी ने भी दक्षिण में ऐसी ही एक भूलकर दी थी उन्होंने सुरक्षा घेरा को तोड़ कर प्रशंसकों के बीच पहुँच गए जिसका खामियाजा उनका अपना परिवार और पूरा देश भुगत रहा है| बेशक प्रियंका अपने पिता की बेटी हैं मगर जरूरी नहीं कि उनकी गलती को उनकी संतान दवारा दोहराया जाये |