Ad

स्मोग पोल्लुशन का दानव फिर मानव को लीलने को उतारू है

[नई दिल्ली]सदियों पहले कहा गया “जो सुख में सुमरिन करें तो दुःख काहे को हो” आज भी दिल्ली में घटित होता दिख रहा है |दिनोदिन सुरसा जैसी भयावह होती जा रही पोल्लुशन की समस्या के प्रति समय रहते कोई उपाय नहीं किये गए जिसके फलस्वरूप इस वर्ष भी सीजन में स्मोग पोल्लुशन का दानव ,मानव को लीलने को उतारू है |
दिल्ली के आसमान पर स्मोग पोल्लुशन के ग्रहण के छाये एक सप्ताह बीत जाने के पश्चात्
पोल्लुशन के प्रति शासन और प्रशासन जागने का उपक्रम करने लगे हैं| जनता विशेषकर बच्चे जब कराहने लगे चेहरों पर मास्क लटकने लगे और न्यायालयों से हथौड़े पटके जाने लगे तब
दिल्ली ऍन सी आर पर छाये स्मॉग पोल्लुशन से दिल्ली के अलावा नोएडा+हरियाणा और पंजाब भी जागने का उपक्रम करने लगे हैं|गौतम बुद्ध नगर के डीएम् ऍनपी सिंह ने स्कूलों में दो दिन की छुट्टी के साथ ही माइनिंग +कंस्ट्रक्शन और मॉर्निंग वाक के लिए इमरजेंसी घोषित कर दी है |
हरियाणा के गुडगाँव में डिप्टी कमिश्नर टी एल सत्यप्रकाश ने धारा १४४ लगा कर खुले में सामान जलाये जाने पर पाबन्दी को दोहराया है | दिल्ली सरकार ने सडकों की धुलाई+निर्माण पर पाबन्दी आदि अस्थाई प्रयोग की घोषणा कर दी है|सडकों की धुलाई के लिए दिल्ली सरकार के अंतर्गत पी डब्लू डी पहले दिन कार्य कराती दिखाई दी लेकिन शेष उपायों के लिए केंद्र के अंतर्गत पोलिस जैसी संस्थाओं का सहयोग जरुरी होगा |वैसे बताते चलें के केंद्र सरकार फिलहाल दीर्घकालिक उपायों के लिए अंतराष्ट्रीय स्तर के कार्यक्रम के लिए तैयारियों में जुटी है|
मानव के सिरों पर मंड़रा रहे इस खतरे के जनक के रूप में अनेकों नाम लिए जा सकते हैं |इनमे विशेषकर वाहन+निर्माण+फसल जलाना आदि हैं |समय रहते इन पर नियंत्रण पाया जा सकता है |सडकों की सफाई+धुलाई तो दिल्ली सरकार के बजट में भी है शामिल है इस सबके बावजूद सत्तासुख में सभी भूल गए |
उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार पोल्लुशन के मामले में बेशक अभी दिल्ली १९५२ के लन्दन और वर्तमान के बीजिंग की बराबरी पर नहीं पहुंची है फिर भी एयर पोलुशन से ऍन सी आर में प्रति वर्ष १०००० से ३०००० लोग असमय कल का ग्रास बनते हैं |