Ad

हरियाणा के दलित के जख्मों की संक्रमणता की परवाह किये बगैर नेताओं का आवागमन जारी

[फरीदाबाद,हरियाणा] सुनपेड गांव के दलित परिवार पर हुए अत्याचार पर सियासत इस हद तक गरमा गई है के नेताओं की भीड़ द्वारा पीड़ित के संक्रमणता के खतरे को भी नजर अंदाज किया जा रहा है|बीते दिन पूर्व मुख्य मंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने समर्थकों के साथ दौरा किया तो आज सुबह लेफ्टिस्ट वृंदा करात ने यह ओपचारिकता निभाई जिसके पश्चात कांग्रेस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ने भरी भरकम लश्कर के साथ पीड़ित के मकान में प्रवेश किया |गनीमत रही के दस लाख की सहायता राशि की घोषणा करने वाले मुख्य मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने अपना प्रस्तावित दौरा फिलहाल स्थगित कर दिया|दबंगों के हमले में अपने दो बच्चों को खोने वाले एक दलित परिवार से मिलने यहां आए कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर+भाजपा+राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर गरीबों को‘दबाने की राजनीति’’ करने के आरोप जम कर लगाये
गांधी ने कहा, ‘‘ प्रधानमंत्री, राज्य के मुख्यमंत्री और पूरी भाजपा और संघ का यही रूख है। उनका रूख है कि यदि कोई कमजोर है तो उसे दबाया जा सकता है। आपने जो देखा है वह इसी रूख का परिणाम है।’इसके अलावा कांग्रेसी नेता ने एकत्र हुए ग्रामीणों और पीड़ितों के परिवार से मुलाकात की।
गौरतलब है के दबंगों ने कल तड़के एक दलित परिवार के घर में आग लगा दी थी जिससे दो बच्चों की जलने से मौत हो गई थी।महिला गंभीर रूप से घायल हैजिसका इलाज अस्पताल में हो रहा है जबकि घायल पुरुष को घर पर ही रखा गया है|यहाँ राजनीतिज्ञों का आवागमन जारी है |चिकित्सकों के अनुसार जलने वाले व्यक्ति को आइसोलेशन में रखा जाना चाहिए क्योंकि लोगों के सम्पर्क में आने से मरीज को संक्रमण का खतरा बना रहता है
मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर ने आज सुनपेड गांव का अपना दौरा रद्द कर दिया |इस बीच,एक अदालत ने चारों आरोपियों..बलवंत+धर्म सिंह+संजय +करतार को दो दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है ।पीड़ितों के लिए दस लाख की सहायता राशि की घोषणा की जा चुकी है
फरीदाबाद के उपायुक्त अमित कुमार अग्रवाल ने बताया कि सुनपेड के पीड़ित परिवार से मुलाकात के लिए आने वाले मुख्यमंत्री के निर्धारित दौरे को एक दिन के लिए टाल दिया गया है।
इस बीच, पुलिस ने लिंक हाईवे को खाली करवाने के लिए प्रदर्शन कर रहे स्थानीय लोगों पर मामूली लाठी चार्ज किया।
बच्चों के शवों को भी सड़क से हटा लिया गया। परिवार बच्चों का अंतिम संस्कार करने को राजी हो गया जिनकी मौत 20 अक्तूबर को आग लगने के कारण हुई थी।