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राजनितिक चिंतक गोविंदाचार्य ने नोटबंदी पर श्वेत पत्र की मांग उठाई

[नई दिल्ली] गोविंदाचार्य ने नोटबंदी पर श्वेत पत्र की मांग उठाई
राजनितिक चिंतक के. एन. गोविंदाचार्य ने 500 और 1000 के नोटों को निरस्त करने के कारणों को स्पष्ट करने और उसके लाभ बताने के लिए श्वेत पत्र जारी करने की मांग की है|
गोविंदाचार्य के अनुसार आम जनता नोटों को बदलने के चक्कर में हलकान हो रही है आम जनता इन सब परेशानियों को सह भी लेगी जब वह इस अचानक हुए निर्णय के पीछे के कारणों को जानेगी तथा उस निर्णय से भविष्य में होने वाले लाभों से भी परिचित होगी। उन्होंने निम्न प्रश्न उठाये हैं
सरकार एक श्वेत पत्र जारी करके आम जनता को बताये कि उसने इतना कठोर निर्णय अचानक क्यों लिया ?
देश में कितने नकली नोट हैं ?
500 और 1000 रूपये के नोटों से नगदी के रूप में कितना काला धन बना हुआ है ?
इन पुराने नोटों को छापने में सरकार ने आम जनता का कितना धन व्यय किया था ?
इन नोटों को वापस लेने और नए नोटों को छाप कर उन्हें बदलने में आम जनता का कितना धन सरकार व्यय करने वाली है ?
आजादी के बाद देश में अब तक कितना काला धन बनने का अनुमान सरकार लगाती है ?
काले धन किस-किस रूप में कितना – कितना विद्यमान है ?
500 और 1000 रूपये के नोटों को रद्द करके 500 , 1000 और 2000 के नए नोटों को छापने के पीछे क्या तुक है ?
लोकतंत्र में राज्य को जनता के प्रति उत्तरदायी माना जाता है, उसे सरकार से जानने का पूरा अधिकार रहता है। जनता में फैले संभ्रम और अफवाहों को दूर करने के लिए उपरोक्त सभी प्रश्नों और अन्य सम्बंधित प्रश्नों के तथ्यपरक जानकारी देते हुए सरकार शीघ्र एक श्वेतपत्र जारी करके अपना कर्त्तव्य निभाए।