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चाचा भतीजे की नूरा कुश्ती से मुलायम की पीएम बनने की संभावनाओं पर ब्रेक लगा

[लखनऊ,यूपी]चाचा भतीजे की नूरा कुश्ती से मुलायम की पीएम बनने की संभावनाओं पर ब्रेक लगा|यह स्वयम मुलायम सिंह यादव ने कहा है मुलायम के अनुसार यदि अखिलेश ने अपने चाचा शिवपाल की सुनी होती तो वोह[मुलायम] आज पीएम होते
यूपी में समाजवादी पार्टी के ओजोन लेयर में उनके अपने नेताओं द्वारा पैदा किये गए छेद को अब उनके अपने समर्थक ही बढ़ाने में लग गए हैं
पार्टी कार्यकर्ताओं के असन्तोष को देखते हुए मुख्य मंत्री अखिलेश यादव ने फ़िलहाल ‘समाजवादी विकास रथयात्रा’ स्थगितकर दी है|
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने आगामी तीन अक्तूबर को शुरू होने वाली अपनी ‘समाजवादी विकास रथयात्रा’ को फिलहाल स्थगित कर दिया है।इसके साथ ही मुलायम सिंह यादव ने अखिलेश के राजनितिक बचपने पर हमला बोलते हुए कहा हे के इसके कारन अब उनका पीएम् बनने की संभावना खतरे में पढ़ गई है
मुख्यमंत्री ने संवाददाताओं से बातचीत में एक सवाल पर कहा कि उन्होंने अपने कार्यक्रम में तब्दीली कर दी है। अब वह चार अक्तूबर को कानपुर में मेट्रो रेल परियोजना का शिलान्यास करेंगे।
उन्होंने यात्रा की नयी तारीख के बारे में पूछे जाने पर मजाकिया लहजे में कहा ‘‘अब समय और तौर-तरीके बदल गये हैं। अब हम [ज्योतिषि से] पूछपाछ कर तय करेंगे।’’
मालूम हो कि अखिलेश यादव ने गत 14 सितम्बर को तीन अक्तूबर से समाजवादी विकास रथ यात्रा पर निकलने का एलान किया था।
यात्रा का ब्यौरा सार्वजनिक नहीं किया गया था। यात्रा के जरिए अखिलेश को अपनी सरकार द्वारा किये गये विकास कार्यो से जनता को अवगत कराना था।
लेकिन चाचा भतीजे की नूरा कुश्ती से यह फ़िलहाल लटक गया है |इसके इतर मीडिया में विज्ञापनों के माध्यम से विकास के ढोल जरूर बजाये जा रहे हैं |
मुख्य मंत्री अखिलेश ने अपनी तरफ से अपने चाचा को सम्मान देने के लिए उनके निवास पर जा कर प्रदेशाध्यक्ष बनने पर मुबारकबाद दी लेकिन उत्तर प्रदेश के ‘समाजवादी’ कुनबे में मचा घमासान अब सड़कों पर दिखाई देने लगा है |
परिवार में तल्खी की धुरी बने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और उनके चाचा काबीना मंत्री शिवपाल यादव के समर्थकों ने परस्पर बगावत का सुर फूंकते हुए पार्टी मुख्यालय पर पहुंचकर अपने-अपने नेता के पक्ष में नारेबाजी तक की है ।
लगातार बदलते घटनाक्रम में मुख्यमंत्री अखिलेश ने अपने समर्थकों से कहा कि वह शिवपाल को पार्टी प्रदेश अध्यक्ष बनाने के नेताजी [मुलायम सिंह यादव] के निर्णय के खिलाफ अपना आंदोलन बंद करें और चुनाव की तैयारियों में जुटें।
सपा के चारों युवा संगठनों सपा छात्रसभा+लोहिया वाहिनी+युवजन सभा +यूथ ब्रिगेड के कार्यकर्ताओं ने सपा मुख्यालय के सामने शिवपाल को हटाकर अखिलेश को पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष पद पर वापस लाने की मांग करते हुए नारेबाजी की।
इस बीच, शिवपाल के समर्थकों ने भी पार्टी मुख्यालय पर पहुंचकर उनके पक्ष में नारेबाजी की। हालात के मद्देनजर सपा मुखिया ने शिवपाल से मुलाकात और अखिलेश से टेलीफोन पर बात की। इसके अलावा अखिलेश भी शिवपाल के घर पहुंचे।
नाराज अखिलेश समर्थकों ने सपा मुखिया के खिलाफ भी नारेबाजी की। इस दौरान, कार्यकर्ताओं के बीच हल्की धक्का-मुक्की भी हुई। करीब तीन घंटे तक सपा राज्य मुख्यालय से लेकर सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव के आवास के सामने सड़क पर परस्पर विरोधी समर्थकों का कब्जा रहा। इस दौरान पुलिस को उन्हें सम्भालने में काफी मशक्कत करनी पड़ी।
सपा मुख्यालय के सामने से हटाये जाने के बाद बड़ी संख्या में मुख्यमंत्री अखिलेश के समर्थक उनके सरकारी आवास पर पहुंच गये। मुख्यमंत्री ने उन्हें अंदर बुलाकर कहा कि शिवपाल को प्रदेश अध्यक्ष बनाना नेताजी का फैसला है। इसके खिलाफ यह आंदोलन खत्म होना चाहिये। पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष ना होने से कोई बहुत फर्क नहीं पड़ेगा।
उन्होंने कहा कि वह उनकी भावनाओं का सम्मान करते हैं लेकिन पार्टी में एकता बनाये रखना पहली प्राथमिकता होनी चाहिये। उम्मीद है कि नौजवान इन बातों को समझेंगे और वह पार्टी की यात्रा के साथ प्रदेश में एक बार फिर समाजवादी सरकार बनाएगा।
एक दूसरे घटनाक्रम में मुलायम सिंह यादव ने कहा है के अगर अखिलेश ने शिवपाल की सुनी होती तो आज वोह[मुलायम]पीएम् होते|
सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव द्वारा कल आगे आकर पार्टी में कोई मतभेद ना होने का दावा किये जाने और मुख्यमंत्री के कल रात शिवपाल से छीने गये सभी विभाग वापस करने के बाद ऐसा लगा था कि पार्टी में उभरे मतभेद फिलहाल समाप्त हो गये हैं, लेकिन दोनों धड़ों के समर्थकों के आज सड़कों पर उतरने से साफ हो गया है कि तल्खी का दौर नया मोड़ ले चुका है।
अखिलेश ने शिव पाल और उनके के करीबी गायत्री प्रसाद को मंत्रालय लौटने की भी घोषणा कर दी है