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किंग फिशर के जहाज उड़ाने वालों ने आज सडकों पर जुलुस निकाला

किंगफिशर एयरलाइंस के कर्मचारियों ने आज शुक्रवार को मुम्बई की सडकों पर जुलूस निकाला और अपने सात माह से लम्बित वेतन और अन्य बकायों के भुगतान की मांग की। कल केंडल मार्च भी निकाला गया था |१२ अक्टूबर तक उड़ानें न शुरू होने की खबर से किंगफिशर एयरलाइंस का शेयर भी 4.७ % टूटा
गौरतलब है कि बीते दिन किंगफिशर प्रबंधन ने अपनी आंशिक ताला बंदी को 12 अक्टूबर तक बढ़ाकर हड़ताली कर्मचारियों पर दबाव बनाने की कोशिश की है।संभवत इसी दबाब का जवाब देने के लिए कर्मचारिओं ने आज रैली निकाली|
किंगफिशर के एक कर्मचारी की पत्नी द्वारा आत्महत्या किए जाने के एक दिन बाद , आज कर्मचारिओं में कंपनी +व्यवस्था के प्रति रोष और जनता में सहानुभूति दिखाई दी|
किंगफिशर कर्मचारी की पत्नी की आत्महत्या से कम्पनी के अन्य कर्मचारी सदमे में हैं, क्योंकि उनमें से कई कर्मचारियों को महीनों से वेतन नहीं मिला है

बीमा और फंड्स की कटौती

यहाँ यह बताना भी जरुरी है कि कर्मचारिओं के वेतन से सीधे अनेक प्रकार के फंड्स [पेंशन+बीमा]की किश्त काट कर सम्बन्धित विभागों में +कम्पनिओं में जमा करवाई जाती है ऐसे में सात महीने से वेतन नहीं मिलने से बीमा और फंड्स की किश्त की कटौती भी लंबित हो गई होगी| ये किश्तेंकर्मिओं के परिवार के भविष्य की सुरक्षा के लिए बेहद जरुरी भी हैं| सम्बन्धित विभाग को ये किश्तें जमा नहीं करवाए जाने से कर्मिओं के परिवार का भविष्य भी असुरक्षा के घेरे में आ जाता है|

कंपनी का अड़ियल रुख

कर्मचारी प्रबंधन के उस निर्णय से भी चिंतित हैं, जिसके तहत आंशिक बंदी एक सप्ताह और बढ़ा दी गई है।
आधी रात से ठीक पहले बंदी की मियाद बढ़ाने के लिए कंपनी ने हड़ताली पायलट, विमान रखरखाव इंजीनियर और तकनीशियन को जिम्मेदार ठहराया है| यह बंदी पहली अक्टूबर से ही लागू है। अब कम्पनी केवल एक माह का वेतन देकर हड़ताल खुलवाने पर अमादा है|
विमानन कम्पनी की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है, ”हमें खेद है कि अवैध हड़ताल अभी तक वापस नहीं ली गई है और कम्पनी में सामान्य स्थिति बहाल नहीं हो पाई है, जिसके कारण पूरी कम्पनी का कामकाज लगातार बाधित है।कम्पनी के सचिव राघवन कल इस्तीफा दे चुके हैं|आज 12 अक्टूबर तक उड़ानें न शुरू होने की खबर से किंगफिशर एयरलाइंस का शेयर भी 4.7 % टूटा

मंत्रालय का रुख

उधर सिविल एविएशन मंत्री चौधरी अजित सिंह ने इस पूरे मामले में कर्मिओं को राहत दिलाने में असमर्थता जताई है|फिर भी उन्होंने फ्लाईट्स की सेफ्टी के लिए कंपनी के ऊपर डी जी सी ऐ के प्रतिबंधों का पालन किया जाना आवश्यक कर दिया है|
बताते चलें कि डेकन कंपनी को टेक ओवर करने वाली इस किंग फिशर एयर लाइंस ने यात्रिओं से लगभग ६० करोड़ रुपयों का सर्विस टेक्स वसूला मगर अभी तक

किंग फिशर के जहाज उड़ाने वालों ने आज सडकों पर जुलुस निकाला

जमा नहीं कराया है|इसके अलावा सात माह का वेतन जो कि इस राशि का लगभग दोगुना होगा पेंडिंग है| बाज़ार हेसियत से सात गुना अधिक का कर्जा है|जबकि फ्रीज़ किये गए खातों में बेलेंस केवल ६०० करोड़ ही बताये जा रहे हैं|बैंकों ने इस कम्पनी को बैल आउट पैकेज देने में कोई रूचि नहीं दिखाई गई यहाँ तक कि ऍफ़ डी आई का लाभ भी मिलता नहीं दिख रहा |इस सब के बावजूद कंपनी के प्रति मंत्रालय की नरमी और पीड़ित कर्मिओं के प्रति उदासीनता के चलते आज प्रमुख विपक्षी दल भाजपा ने भी नाराजगी दिखाई है| प्रवक्ता मुख़्तार अब्बास नकवी ने सरकार से तत्काल इस समस्या का समाधान करने को कहा है|