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ट्रम्प के टेरिबल”एच४वीजा”कार्ड से सब तरफ टरमोइल

[वाशिंगटन]यूंएसऐ में ट्रम्प सरकार ने एच ४ वीजा प्रणाली को समाप्त किये जाने के संकेत दिए हैं इसके फलस्वरूप लगभग ७०००० भारतियों की नौकरियों पर भी तलवार लटक गई है|जाहिर है ट्रम्प के इस टेरिबल”एच४वीजा”कार्ड से सब तरफ टरमोइल का माहौल है| अनेकों कम्प्यूटर विषेशज्ञों ने पड़ौसी कनाडा का रुख करना शुरू कर दिया है चूँकि वहां जाने के लिए भी केंद्रीय परीक्षा प्रणाली से गुजरना होगा इसीलिए कोई आश्चर्य नहीं के निकट भविष्य में आइलेट या टॉफेल जैसी परीक्षाओं में परीक्षार्थियों की बाढ़ आ जाये |इसके ठीक उलट यू एस ऐ में सस्ते दामों में उपलब्ध उच्च स्तरीय प्रतिभा का अभाव हो जायेगा |इसीलिए प्रभावशाली सांसदों और फेसबुक समेत अमेरिकी आईटी उद्योग के प्रतिनिधियों ने एच -4 वीजा धारकों को काम करने की मंजूरी ( वर्क परमिट ) खत्म करने की ट्रंप प्रशासन की प्रस्तावित योजना का विरोध किया है।
फेसबुक , गूगल और माइक्रोसॉफ्ट जैसी शीर्ष आईटी कंपनियों द्वारा सिलिकॉन वैली में स्थापित एफडब्ल्यूडीडॉटयूएस ने कल एक रिपोर्ट में कहा , ‘‘ इस नियम को खारिज करना और अमेरिकी कार्यबल से हजारों लोगों को हटाना उनके परिवारों के लिए विनाशकारी होगा और इससे हमारी अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचेगा। ’’
इससे एक दिन पहले अमेरिकी मीडिया ने अमेरिकी नागरिक एवं आव्रजन सेवाओं का पत्र प्रकाशित किया जिसमें ओबामा शासन के दौरान एच -4 वीजा धारकों को काम करने की अनुमति देने वाले अधिनियम को खत्म करने का फैसला लिया गया था। एच -4 वीजा धारकों में सबसे अधिक संख्या भारतीय पेशेवरों और ज्यादातर महिलाओं की है।
एच -4 वीजा उनको दिया जाता है जो एच -1 बी वीजा धारकों के पति या पत्नी हैं।