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ड्रीम लाईनर दूरी की उड़ानों में सस्ता है मगर छोटी घरेलू उड़ानों पर लगाया


पूर्व घोषणा के अनुसार पहला बोइंग 787 ड्रीमलाइनर प्लेन दिल्ली से चेन्नई के बीच घरेलू उड़ान के लिए उड़ाया गया। चेन्नई एयरपोर्ट पर लैंड करने पर इसे महाराजा का स्टेटस देते हुए वॉटर कैनन सैल्यूट दिया गया और पारंपरिक तरीके से पूजा की गई। प्लेन के कैप्टन ए. एस. सोमन थे| यद्यपि इसमें २५०+सीटें है मगर पहली उड़ान में इस पर 118 पैसेंजर सवार थे। लौटते समय केवल 92 पैसेंजरों के साथ इसने दिल्ली के लिए उड़ान भरी। एक आधिकारिक प्रेस रिलीज में और कम्पनी की साईट पर कहा गया,है कि शानदार डिजाइन वाला एयर इंडिया का बोइंग 787 ड्रीमलाइनर आसमान में सबसे एडवांस्ड एयरक्राफ्ट है। इसके पंखों, पिछले हिस्से और डेक को इस तरह तैयार किया गया है कि दूसरों के मुकाबले यह ईंधन की काफी कम खपत करता है।इस यान को प्राप्त करने वाला भारत विश्व में पांचवा देश बन गया है|
इतना आधुनिक और महंगा ड्रीमलाइनर बोइंग विमान में बुधवार को संचालन के पहले ही दिन तकनीकी गड़बड़ी आ गई। विमान का एसी फेल हो गया। नतीजतन उड़ान में दो घंटे की देरी हुई। बाद में इंजीनियरों ने खराबी दूर की, तब जाकर विमान को बेंगलूर के लिए रवाना किया जा सका। वहीं, दूसरा ड्रीमलाइनर विमान भी एयर इंडिया के बेड़े में शामिल हो गया है।
विमान को आइजीआइ एयरपोर्ट से दोपहर 4.30 बजे उड़ान भरना था, लेकिन खराबी की वजह से इसे शाम 6.30 बजे रवाना किया गया।
एयर इंडिया का पहला बोइंग विमान आठ सितंबर को दिल्ली लाया गया था। एयर इंडिया ने विमान निर्माता कंपनी बोइंग को 27 विमान काऑर्डर दिया है। सारे विमान एयर इंडिया को साल 2016 तक आपूर्ति किए जाने हैं|।एयर इंडिया को बोईंग ७८७ मिलना शुरू हो गए हैं| सरकारी विमानन कम्पनी एयर इंडिया को बुधवार को दूसरा बोइंग 787 ड्रीमलाइनर मिल गया। कम्पनी इस विमान के साथ ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण पूर्व एशिया के नए गंतव्यों के लिए उड़ान शुरू करने पर विचार कर रही है।
तीसरा विमान महीने के आखिर में मिल जाने की उम्मीद है |इस साल के आखिर तक पांच 787 विमान और कारोबारी साल के आखिर तक सात विमान मिल जाने का अनुमान है।
एयर इंडिया कम ईंधन पीने वाले और पर्यावरण अनुकूल माने जाने वाले इस विमान को हासिल करने वाली दुनिया की पांचवीं कम्पनी है।

विमान बिना उतरे 16 हजार किलोमीटर तक लगातार उड़ सकता है।

कम्पनी इस विमान को मध्यपूर्व, यूरोप, एशिया और ऑस्ट्रेलिया के कई मार्गो पर लगाना चाहती है। कम्पनी को पहला ड्रीमलाइनर चार सालों की देरी से आठ सितम्बर को मिला। कम्पनी को पहली आपूर्ति मई 2008 में होनी थी।
लगातार घाटे में जारही एयर इंडिया की साख पर आजकल बड़े बड़े प्रश्न चिन्ह लगाये जा रहे हैं|बड़े बड़े बैल आउट पैकेज के बाद भी इस महाराजा की माली हालत बिगड़ती जा रही है| प्रबंधन में मिस मेनेज मेंट + पायलटों की हड़ताल और सुधारात्मक रिपोर्टों पर अम्ल में देरी से एयर इंडिया के डिसबेंडमेंट की मांग तक उठने लगी है|इस पर इतने महंगे २७ ड्रीम लाइनर्स के खरीद केलिए चार साल पहले आर्डर्स दे दिए गए|लेकिन कंपनी ने ये ड्रीम पूरा करने में ढील दिखाई अब चार साल बाद दो यान भारत में लैंड कराये गए हैं|इन प्लेन्स को लाने की इतने जल्दी दिखाई गई है कि नीचे लिखे तथ्यों को दरकिनार कर दिया गया है|
[१]अन्तराष्ट्रीय उड़ानों के लिए अभी तक उड़ान योजना और चालक दल के प्रशिक्षण की योजना जल्द तैयार की जानी है|
[२]इतने मंहगे और इतनी सुविधाओं से सुसज्जित ये यान लम्बी दूरी के लिए उपयोगी बताये जा रहे हैं लेकिन इन्हें कम दूरी की घरेलू उड़ानों पर लगाया जा रहा है|
[३]पहली उड़ान में ही ५०% से भी कम सीटें भरी जा सकी वापिसी पर तो और भी कम यात्री ही आये |
[४]बोईंग ड्रीम लाइनर कम्पनी ने यानों की डिलीवरी को चार साल तक टाला है इसके लिए हर्जाने का प्रावधान होने पर भी अभी तक हर्जाना फायनल नहीं किया जा सका है|
[५] प्लेन्स की मेंटिनेंस के लिए भारत में कोई प्रशिक्षित नहीं किया जा सका है

इतने सारे किन्तु परन्तु होने पर भी इतने महंगे यानों को घाटे वाले रूट्स पर उड़ाने के पीछे कौन सी सुधारात्मक नीति है इसका जवाब एयर इंडिया द्वारा दिया जाना भी जरुरी है| वैसे समय रहते अगर इसका आडिट करा लिया जाना भी श्रेयकर होगा

Comments

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