मोदीजी!आगे बढ़ने के साथ जीते हुए किले भी सुरक्षित करते चलें:पीएम को खुला पत्र
इतिहास गवाह है के जिन शासकों ने फतह के परचम फहराने के साथ साथ जीते हुए बुर्जों की सुरक्षा का इंतजाम नहीं किया वह आगे चल कर लड़खड़ाए ही हैं |यहाँ तक के विंस्टन चर्चिल को वार हीरो ही कहा जाता है क्योंकि घरेलू मोर्चों पर चर्चिल हमेशा असफल ही कहे गए हैं | विदेश निति के अंतर्गत आप एक के बाद एक सफलता के झंडे गाड़ रहे हैं|जिसके अंतर्गत आपने ईरान में भी अपना लोहा मनवा लिया जिसके परिणाम स्वरुप अफगानिस्तान और ईरान आपके सहयोगी बन गए |
चीन और पाकिस्तान की जुगल बंदी पर अंकुश लगेगा यहां तक के देश की राजनीती में भी एक सकारात्मक सन्देश जाने की उम्मीद जगी है
इसीलिए आपको ईरान फतह की ढेरों वधाइयां!
आपने देश में भी अनेकों कल्याण कारी योजनाएं शुरू की हैं
स्टार्टअप+स्टैंडअप+जनधन +एलपीजी आदि , इनमे से एक योजना इ रिक्शा का वितरण भी है|
इस योजना के अंतर्गत आपने बीते माह के पहले सप्ताह में ऍन सी आर के महत्वपूर्ण शहर नोएडा में रिक्शे वितरण का उद्घाटन भी किया था |नॉएडा के सेक्टर ६२ के मैदान में विशाल रैली हुई +ट्रैफिक बंद किया गया और एक लाख लोगों की उपस्थिति में 5100 ई-रिक्शा वितरण की घोषणा की गई और रिक्शा चालकों +उनके परिवारों के साथ आपने चिरपरिचित शैली में ‘चाय पे चर्चा’ भी की|
मोदी जी आप ने चालाक गुज्जु की भांति ई रिक्शाचालकों से अपने बच्चों को शिक्षित करने का वचन ले लिया |
गौरतलब हे के आजादी के बाद भी एक बढ़ा वर्ग शिक्षा के वरदान से अछूता हैऔर बेरोजगारी तो जग जाहिर है ही |ऐसे पिछड़े वर्ग के साथ बाबू जगजीवन राम को श्रद्धांजलि देकर एक बार फिर यह साबित किया के आप अपने सभी रंगों के पूर्ववर्तियों से भिन्न हैं और आने वाले उत्तराधिकारियों के लिए कड़ी चुनौती भी साबित होंगे|
लेकिन इस कार्यक्रम के डेड माह के पश्चात भी सैंकड़ों ई रिक्शा उसी मैदान में धूल फांक रहे हैं और लगभग ५ करोड़ रु मूल्य के ये रिक्शा कबाड़ होते जा रहे हैं |दिल्ली के समीप के इस शहर में आपके
आपके स्थानीय सिपहसलार डेड माह में मात्र एक हजार रिक्शा बाँट नहीं पाए| भारतीय माइक्रो क्रेडिट वाले लखनऊ में बैठते हैंयहाँ केवल एक सुरक्षा कर्मीं टाइप व्यक्ति को खड़ा किया गया है | इस सबके लिए सुपरविजन का आभाव ही माना जाएगा|