भारतीय रक्षा क्षेत्र में विदेशी पूँजी निवेश [एफडीआई] को 26 फीसदी से और बढाए जाने की सिफारिशें की जा रही हैं|
रक्षा क्षेत्र से जुड़े साजो-सामान में सुधारों के बारे में सुझाव देने के लिए बनाई गई नरेश चंद्र समिति ने सिफारिश की है कि रक्षा क्षेत्र में एफडीआई को 26 फीसदी से और बढ़ाया जाए।
समिति का कहना है कि इससे विदेशी कंपनियां सैन्य उपकरण बनाने को लेकर नई तकनीक देने के लिए आकर्षित होंगी। पीएमओ द्वारा हाल ही में नैशनल डिफेंस से जुड़ी चीजों के बारे में सुधार देने के लिए इस समिति का गठन किया गया था।
गौरतलब है कि वर्तमान में रक्षा क्षेत्र में एफडीआई की सीमा 26 प्रतिशत है।
रक्षा मंत्रालय इसमें और किसी तरह की बढ़ोतरी करने का विरोध कर रहा है। समिति की रिपोर्ट के अनुसार ज्यादा एफडीआई का समर्थन करने की जरूरत है इससे विदेशी कंपनियां मॉडर्न टेक्नॉलजी लेकर भारत आ सकेंगी
कि इस क्षेत्र में एफडीआई की सीमा कम से कम २३% और बढ़ाये जाने कि मांग कि जा रही है|
अमेरिकी उप रक्षामंत्री कार्टर ने भी इस दिशा में दबाब बढ़ाते हुए कहा था कि अगर भारत एफडीआई सीमा बढ़ाता है, तो इससे ग्लोबल कंपनियां इन्वेस्टमेंट करने के लिए आकर्षित होंगी।