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लॉकडाउन से त्रस्त खेल सामग्री उत्पादकों को सरकार से उपयोगी नीति की आस

(मेरठ,यूपी) लॉकडाउन से त्रस्त खेल सामग्री उत्पादकों को सरकार से उपयोगी नीति की आस देश की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान दें रहे #स्पोर्ट्सउद्योग #लॉकडाउन में
किसी यौजना को तरस रहे है
जालंधर के पश्चात मेरठ स्पोर्ट्स गुड्स मैन्युफैक्चरिंग का केंद्र है।यहां लगभग 3000 छोटी बड़ी इकाइयां हैं जिनमे 60000 से अधिक ध्याड़ी मजदूर रोजगार पाते हैं।लगे हैं लेकिन किसी भी सरकारी योजना के अभाव में 1000 करोड़ ₹ वार्षिक का यह उद्योग लाचार है ।मजदूर लाचार हैं ।उद्यमी बेज़ार है । हेल्थ स्पोर्ट्स को थोड़ी राहत जरूर है मगर मेरठ से अधिकांश निर्यात ठप्प है ।#कोरोना के चलते शिक्षण संस्थान बन्द है।खेल आयोजन नही हो रहे । आर्डर कैंसिल हो रहे हैं जिसके फलस्वरूप निम्नवर्गीय मजदूर तबका निराश है।सरकार का दावा है के भूखों को उनके घर पर भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है लेकिन समाज के इस बड़े वर्ग को स्वावलम्बी बनाने के लिए भीख नही रोजगार चाहिए सो सरकार से यथाशीघ्र एक उपयोगी नीति की आस है