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दलित राजनीती को शांत करने के लिए चार दलित शोधार्थियों का निलंबन वापस:राजनीती जारी

[हैदराबाद]हैदराबाद विश्वविद्यालय ने दलित राजनीती को शांत करने के लिए चार दलित शोधार्थियों का निलंबन वापस लिया लेकिन देश में दलित राजनीती अभी भी जारी है | विश्वविद्यालय ने एक बयान में कहा, ‘‘विश्वविद्यालय में कायम असाधारण हालात को देखते हुए और इस मुद्दे पर विस्तार से चर्चा करने के बाद परिषद ने संबंधित छात्रों को दी गई सजा तत्काल प्रभाव से खत्म करने का फैसला किया है ।’’ पिछले साल सितंबर में विश्वविद्यालय ने रोहित सहित पांच छात्रों को छह महीने (पूरे सेमेस्टर) के लिए निलंबित कर दिया था । उन पर अगस्त में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के नेता सुशील कुमार पर हमले का आरोप था ।
दबाव के आगे झुकते हुए हैदराबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय (एचसीयू) ने आज उन चार दलित छात्रों का निलंबन वापस ले लिया जिन्हें 17 जनवरी को खुदकुशी कर लेने वाले पीएचडी छात्र रोहित वेमुला चक्रवर्ती के साथ निलंबित किया गया था ।
नाटकीय घटनाक्रमों से भरे दिन में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति समुदाय से आने वाले विश्वविद्यालय के 13 शिक्षकों ने अपने प्रशासनिक पदों को छोड़ने की घोषणा की ।
इन शिक्षकों ने प्रदर्शनकारी छात्रों का समर्थन करते हुए इस्तीफे की धमकी दी थी ।
विश्वविद्यालय की कार्यकारी परिषद की बैठक में चारों शोधार्थियों का निलंबन वापस लेने का फैसला किया गया ।
रोहित की खुदकुशी के मुद्दे पर आज राजनीति और गरमा गई ।
देश भर के कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में चल रहे प्रदर्शन से समर्थन पाकर प्रदर्शनकारी छात्रों ने इंसाफ की खातिर अपनी मुहिम तेज करने का इरादा जाहिर किया ।