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दुःख होता है हम राष्ट्रीय दिवसों को छुट्टी का दिन मानते है बस !

अब हर कोई अपना कार्यक्रम समय से पहले ही करना चाहता है , लोग १५ अगस्त भी पहले ही मन रहे है. ये कौन सी देश भक्ति है या फिर देश भक्ति का प्रमाण पत्र पाने का तरीका कही ट्रेन ना छुट जाये. आजकल ऐसे स्लोगन भे फसबूक पर आ रहे है की अगर आप सच्चे देश भक्त है तो ये काम करे ,वो काम करे , अरे भाई आपकी ना मने तो क्या हम भारत के नागरिक नहीं ,रास्ट्र भक्त नहीं , ये प्रमाण पत्र देने वाले ये कहा से आ गये . मुझे बड़ा अफ़सोस हुआ एक मित्र ने कहा क्या आप दिल्ली फलाने के आन्दोलन में नहीं गये ! तो इसका मतलब आप देश भक्त नहीं आप आजादी नहीं चाहते . मै घर लोटते समय सोच रहा था .क्या मै वाकई देश भक्त नहीं जो अपने कर्त्तव्य को छोड़ कर दिल्ली में उस आन्दोलन में नहीं गया जहा पर वही राजनीती शुरू हो चुकी जिससे मै पहले ही दुखी था . ये सब एक दुसरे पर आरोप लगाना छोड़ कर क्यों नहीं देश की छोटी जरुरतो को पूरा कर सरकार को आइना दिखाना शुरू कर दे क्यों नहीं हर आदमी को सिखाये की हर वो व्यक्ति देश भक्त है जो देश की संपत्ति ( ये बहुत विश्तृत शब्द है ) को बनाये रखने में योगदान दे ना की बात बात पर आन्दोलन कर उसे छति पहुचाये .फ्रांसे में मेने देखा की इन्कोमे टैक्स भरने वाला अपने आप पर गर्व करता है यह टैक्स चोरी करने वाला .एसा माहोल बनाया जाये की जो देश की संपत्ति को नुकसान पहुचाये उसे हे द्रस्ती से देखा जाये पर नहीं एसा करने वाले को हम यह पब्लिक फिगर बना देते है .यही मीडिया आन्ना टीम को पिछले आन्दोलन में बहुत अच्छा लगता था . इस बार नहीं ?
ये स्वतंत्रता दिवस शायद हम इसलिए मानते की याद रहे हमें इस देश की संप्रभुता को बचाए रखना है पर दुःख होता है हम इसे छुट्टी का दिन मानते है बस !
दीपक शर्मा