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चौ. अजित सिंह जाट आरक्षण की संजीवनी का क्या प. उ प्र.में उपयोग कर पाएंगे ?

झल्ले दी झल्लियां गल्लां

कांग्रेसी चीयर लीडर

ओये झल्लेया मानता है न कि हमने तीन सांसदों वाले रालोद को बेफालतू में ही पाल कर नहीं रखा था |इस छेत्रिय दल का उपयोग अब चुनावों में प. उ .प्र में होगा ओये इसके लिए हमने जाट आरक्षण की संजीवनी भी चौ.अजित सिंह को दे दी है अब तो जाट बाहुल्य इलाके में कांग्रेस+रालोद की हो जाणी है बल्ले बल्ले बाक़ी सारे रह जाणे हैं थल्ले थल्ले

झल्ला

अरेमेरे चतुर सुजाणा जे गर तुस्सी डाल डाल हो ते ये भाजपाई भी तो पांत पाँत पर हैं ये भी वोही रोटी खाते हैं जो आप लोग खाते हो|जाट आरक्षण को भुनाने के लिए आप जी ने रालोद कोओनली आठ सीटें दी हैं इन आठ सीटों में से दो तो चौ.अजित सिंह और उनके पुत्र जयंत चौधरी के खाते में गई |दो और सीटों कोआप जी की कांग्रेस ने[ नॉन जाट] ठाकुर अमर सिंह और ज्या प्रदा को दिला कर इनडाइरेक्ट्ली अपने पास ही रख ली बाकी बची चार सीटों में से एक पर ही तो बेचारे नरेश टिकैत को भिड़ाया गया है जबकि भाजपाइयों ने जाट केंडीडेट्स निकालने के लिए मुम्बई तक को खोद डाला है |मुजफ्फर नगरमें डॉ संजीव बालियान[जाट] +बिजनौर में राजेंद्र सिंह[जाट] यहाँ तक की बागपत में सत्यपाल[जाट] उतारे हैं इसके अलावा मथुरा से जाट/जट्ट धर्मेन्द्र की ड्रीम गर्ल हेमा मालिनी को लाया गया है अब ये तो आप भी मानते हो न कि पानी तो ढलान की तरफ ही बहता है|जाट वोट संगठित है और चुनावों में तो नदी की रफ़्तार से पड़ सकता है|