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मोदी भापे! रेडियो पर पांचवी “मन की बात”में छात्रों के लिए कुछ एनाऊंस कर देना वरना कहेंगे हमें क्या?

[नई दिल्ली]मोदी भापे! रेडियो पर पांचवी “मन की बात”में छात्रों के लिए कुछ एनाऊंस कर देना वरना कहेंगे हमें क्या?नरेंद्र भाई दामोदर मोदी ने आज रेडियो कार्यक्रम में बोर्ड परीक्षा के लिए तैयारी कर रहे छात्रों से सीधे संवाद स्थापित करने हैं। छात्रों का हौंसला बढ़ाना है अविभावकों को सांत्वना देनी है और आकाश वाणी की आय में वृद्धि करनी है |यह अपने आप में [अरविन्द केजरीवाल वाला आप नहीं] एक अनूठा प्रयोग है|
इससे छात्रों की तो नहीं कह सकता हाँ इतना विशवास जरूर है कि छात्रों के अविभावक रेडियो से जरूर कान लगाये बैंठेगे और क्रिकेट वर्ल्ड कप के प्रायोजक कंपनियां का एक एक कान इस तरफ भी लगा होगा|
यह सत्य है कि परीक्षाओं में वही लड़के या लडकियां घबराते हैं जो ज्यादा कोर्स तैयार करते है।या जो बुक वर्म कहलाते हैं |अधिकाँश आजकल साल्व्ड पेपर्स+गैस पेपर्स+क्वेश्चन आंसर को ढोने के साथ साथ पेपर को आउट कराने की जुगत में लगे रहते हैं | बाकियों को तो पता होता है कि प्रश्न कोई भी आये उत्तर में उन्हें तो कहानी ही लिखनी है।यह ब्रह्म सत्य अगर मोदी जी को पता चल गया तो उन्होंने इसकी भी”मन की बात”ही बना डालनी है
मोदी जी ने लाल किले से खुद ही कहा था कि हमारा कुछ नहीं तो हमें भी कुछ नहीं |यह आपका पांचवा कार्यक्रम है इससे पहले के कार्यक्रम में आपने अमेरिका के प्रेजिडेंट बराक ओबामा को भी अपने साथ रेडियो पर बुलवाया मगर किसी के कुछ हाथ नही आया चूंकि यह पांचवा कार्यक्रम है और तीन के बाद पांच को शुद्ध कल्याण कारी माना जाता है इसीलिए छात्रों के लिए कुछ कल्याणकारी जरूर घोषित कर दीजियेगा
इसीलिए झल्लेविचारानुसार मोदी भापे को छात्रों के लिए भी कुछ एनाऊंस कर देना चाहिए वरना सभी कहते फिरेंगे कि इसमें हमारा क्या ?अगर कुछ नहीं तो फिर हमें क्या ?