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प्रकृति की निकटता और हास्य पुट से तनाव मुक्त जीवन व्यतीत किया जा सकता है:शोभित यूनिवर्सिटी में”नई रोशनी”

शोभित विश्वविद्यालय में अल्प संख्यक महिलाओं को तनाव मुक्त जीवन व्यतीत करने को प्रेरित किया गया| डॉ ममता बंसल ने जीवन कौशल से जुड़े पहलुओं पर बोलते हुए कहा कि प्रकृति की निकटता और हास्य के पुट से स्वयं को हलका तनाव मुक्त महसूस किया जा सकता है |
शोभित विश्वविद्यालय में २३ जून से चल रहे “नयी रौशनी” कार्यक्रम के प्रशिक्षण शिविर में आज नवजात शिशु व् बाल रोग विशेषज्ञ डॉ अमित जैन ने नवजात बच्चों की देख रेख संभंधित जानकारी दी| उन्होंने बच्चों के आहार के विषय में बताया कि ६ महीने के बाद बच्चों को दूध के साथ धुली मूंग दाल, कस्टर्ड, सेब, घिया कस करके खिचड़ी, सूजी की खीर भी देने चाहिए|
शोभित विश्वविद्यालय से डॉ ममता बंसल ने कहा कि तनाव बढ़ने से , मानसिक सन्तुलन बिगड़ सकता है जिसका असर शरीर पर भी पड़ता है।
मनोचिकित्सकों के अनुसार, कई प्रकार के मनोरोग जैसे-चिन्ता, डिप्रेशन, हिस्टीरिया, पैनिक, डिसऑर्डर आदि के पीछे मुख्य कारण मानसिक तनाव है। निरन्तर तनावग्रस्त बने रहना जीवन में हानिकारक है। चूँकि जीवन-उद्देश्य सामने है, तनावग्रस्त से दूर रहना ही श्रेष्ठतर होगा। उन्होंने कहा कि काम को टालने की प्रवृत्ति से बचें,

मिस अनुराधा ने कहा कि मानव जीवन में जल संरक्षण एवं प्रबंधन का विशेष महत्व है। यदि समय रहते हम जल संरक्षण एवं प्रबंधन पर ध्यान नहीं देंगे तो आने वाले समय में जल संसाधन हमारे लिए अनेकों समस्याएं उत्पन्न करेगा, क्योंकि पृथ्वी पर उपलब्ध कुल जल का 70 प्रतिशत भाग कृषि कार्यों में, 8 प्रतिशत घरेलू कार्यों में एवं 22 प्रतिशत औद्योगिक कार्यों में खर्च होता है। पर्यावरण विज्ञान के ज्ञान के साथ-साथ विज्ञान के अन्य विषयों का ज्ञान आवश्यक है। तभी हम पर्यावरण विज्ञान का सही ज्ञान प्राप्त कर सकते हैं। | उन्होंने बताया की निर्जलीकरण से बचने के लिए प्रतिदिन 5-7 लीटर जल की आवश्यकता होती है| साथ ही पर्यावरण को स्वच्छ रखने के प्रयास करने का अनुरोध किया| उन्होंने यह भी बताया की पोलीथीन के प्रयोग से पर्यावरण दूषित होता है| अतः पॉलीथिन का प्रयोग रोककर, कागज अथवा कपड़े के बैग इस्तेमाल करना चाहये| इसके साथ सभी प्रतिभागियों का बैंक में खाता खोलने का फॉर्म भरने का प्रशिक्षण दिया गया|