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आतंकवाद पर पकिस्तान को एक्सपोस करने में एनएसऐ अजित डोवाल की भी चर्चा जरूरी है

[नई दिल्ली]आतंकवाद पर पकिस्तान को एक्सपोस करने में एनएसऐ अजित डोवाल की भी चर्चा जरूरी है पाकिस्तान को उसकी ही भाषा में जवाब देने वाले अजित डोवाल की भी चर्चा जरूर की जानी चाहिए |आतंकवाद पर पाकिस्तान को बेनकाब करने के साथ ही एनएसऐ वार्ता के बहाने कोमा में आये अलगाववादी हुर्रियत को ऑक्सीजन देने के पाकिस्तानी षड्यंत्र का भी पर्दाफाश करने में भी इन्हें सफलता मिली है |
अजित डोवाल राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार है और पाकिस्तान से आतंकवाद पर चर्चा के लिए एजेंडा तैयार करने में नरेंद्र मोदी+सुषमा स्वराज और डोवाल की भी अहम भूमिका रही है |बेशक डोवाल मीडिया में कैमरे के सामने नहीं आये लेकिन उनकी कार्यप्रणाली जग जाहिर है भारत के इस हीरो ने ,न तो फ़िल्मी स्टाइल में कपडे उतारे लेकिन पाकिस्तान को आतंकवाद के मुद्दे पर एक बार फिर करारी शिकस्त दे दी|भारत और पाकिस्तान आतंकवाद के मुद्दे पर बातचीत के लिए उफा में तैयार हो गए तो भारत में मीटिंग तय कर ली गई|आश्चर्यजनक रूप से पाकिस्तान ने शिमला समझौते और उफ़ा का उल्लंघन करते हुए एन एस ऐ स्तर की वार्ता में,अलग थलग पढ़े हुए,कश्मीरी अलगाववादी “हुर्रियत” को शामिल किये जाने की शर्त लगा दी| जिसे दो टूक शब्दों में भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने प्रेस कांफ्रेंस करके नकार दिया |इस दिशा में पाकिस्तान को एक्सपोस करने में अजित डोवाल की भी अहम भूमिका रही|अजित डोवाल ने अपनी कार्यप्रणाली के विषय में संकेत देते हुए अनेकों ट्वीट भी किये हैं
[अ]श्री डोवाल के अनुसार आतंक के उन्मूलन के लिए भारतीय जनसाधारण को साहस जगाने वाला प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए [आ]आपसी सहयोग+समर्थता ,शत्रु को हतोत्साहित करता है
प्रस्तुत हैं ऐसे ही कुछ ट्वीट
[१] भारतीय जनसाधारण को साहस जगाने वाला,प्रशिक्षण दिया जाना चाहिये”
[२] जनता का साहस +सुरक्षा बलों का पराक्रम +सरकारी तंत्र का योगदान यदि मिलने लगे तो”आतंक” का उन्मूलन कठिन न रहेगा”
[३] आपसी सहयोग की भावना,सुरक्षा की अघोषित पंक्ति बना देती है+उस बाड़ को लाँघने की, हर किसी की हिम्मत नहीं पड़ती”
[४] राम के साथी “लक्ष्मण” रहे+इस घनिष्ठता को देखकर- अंगद हनुमान सुग्रीव जैसों का साहस उभरा,और वे भी उनके साथ हो गये”
[५]समर्थता उभरती देखकर+अवांछनीय तत्वों की,हिम्मत टूटती है+आक्रामकों के,इरादे बदलते हैं” ॥
[६] नवयुवकों की व्यायामशाला+समर्थ नागरिकों का सेवादल जैसा संगठन बनाना +आतंक को रोकने का कारगर उपाय है”
[७]व्यायामशालाओं मेँ कसरत करने वालों + लाठी चलाना- सीखने वालोंको देखकर +”आतंकियों” की- हिम्मत पस्त होती है” {#भगवान_श्रीराम}
[८] “हर व्यक्ति अपने को , ऐसा चुस्त दुरुस्त रखे +जिससे प्रतीत हो , कि वह +किसी भी आक्रमण का,सामना करने को तैयार है”