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कर्मचारी भविष्‍य निधि संगठन में हर काम के लिए समय-सीमा तय कर दी गई है

कर्मचारी भविष्‍य निधि संगठन में हर काम के लिए समय-सीमा तय कर दी गई है| भविष्‍य निधि की राशि अन्‍य खातों में ले जाने में मुश्किल अनुभव करने वाले कर्मचारियों के लिए यह एक राहत देने वाली खबर हो सकती है|
कर्मचारी भविष्‍य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने अपने संगठन में कुछ प्रकार के कार्य पूरे करने की समय-सीमा तय कर दी है। उम्‍मीद की जा रही है कि अगर यह समय-सीमा सफलतापूर्वक लागू हो जाती है, तो इससे संगठन के काम में बहुत अच्‍छा बदलाव आएगा।
ये जानकारी हाल ही में नई दिल्‍ली में सेंट्रल पीएफ कमिश्‍नर, श्री के.के. जालान ने दी। उन्‍होंने कहा कि यह एक बहुत महत्‍वपूर्ण चुनौती है कई बार सदस्‍य अपने भविष्‍य निधि की राशि अन्‍य खातों में ले जाने में मुश्किल अनुभव करते हैं। इसकी जरूरत तब पड़ती है जब वे नौकरी बदल लेते हैं और उन्‍हें नया खाता नंबर आवंटित कर दिया जाता है।
हाल ही में एक ऑनलाइन ट्रांसफर क्‍लेम पोर्टल (ओटीसीपी) शुरू किया गया है जिससे यह समस्‍या दूर हो सकती है। यूनिवर्सल एकाउंट नंबर (यूएएन) भी जल्‍दी ही शुरू किये जाने की उम्‍मीद है। उन्‍होंने कहा कि इलेक्‍ट्रोनिक चालान कम रिटर्न (ईसीआर) को आसान बना दिया गया है जिससे कोष के अंतरण का काम आसान हो जाएगा। इसे और सरल बनाया जा रहा है और उम्‍मीद है कि सरलीकृत फार्म पहली नवंबर 2014 से उपलब्‍ध हो जाएगा।
श्री जालान ने कहा कि ईपीएस के अंतर्गत 44 लाख पेंशनरों की सुविधा के लिए पेंशन निपटारा प्रक्रिया फिर से तैयार करने का फैसला किया गया है। इस पर काम शुरू हो गया है। उन्‍होंने कहा कि पिछले साल ईपीएफओ ने 1.23 करोड़ दावे निपटाये। इनमें से 66 % दावे दस दिनों के अंदर और 90 % 20 दिनों के अंदर निपटाये गये। कुल 98 % दावों का निपटारा 30 दिन के अंदर कर दिया गया। उन्‍होंने कहा कि कंप्‍यूटरीकरण के कारण सेवा में धीरे-धीरे सुधार आ रहा है।
दावा किया गया है कि ईपीएफओ का स्‍टैंडर्ड बढ़ रहा है। इससे सदस्‍यों को भी फायदा हो रहा है। चालू साल के दौरान 73 %सदस्‍यों के खाते अद्यतन किये जा चुके हैं। श्री जालान ने कहा कि इस संगठन में ऑनलाइन शिकायत निवारण तंत्र बनाया गया है जो संभवत: पूरे सार्वजनिक क्षेत्र में सर्वश्रेष्‍ठ है। उन्‍होंने कहा कि 31.03.2014 की स्थिति के अनुसार इस संगठन ने चार हजार दो सौ शिकायतें लंबित थीं। ये पहला मौका है जब ईपीएफओ ने पूरे साल की कार्य योजना बनाकर हर काम के लिए समय-सीमा तय कर दी है। उन्‍होंने भरोसा जाहिर किया कि इससे सेवा में काफी सुधार आएगा और इसका लाभ सदस्‍यों को मिलेगा।