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ला कृ आडवाणी के आपातकाल की स्मृति में दिए गए ब्यान को लेकर राजनीतिक अटकलें तेज

[नई दिल्ली] वयोवृद्ध नेता लाल कृष्ण आडवाणी के आपातकाल की स्मृति में दिए गए ब्यान को लेकर राजनितिक अटकलें तेज हो गई हैं|भारत में [अब स्वर्गीय] श्रीमती इंदिरा गांधी द्वारा २५-२६ जून को इमरजेंसी लगाई गई थी जिसकी स्मृति में इंडियन एक्सप्रेस ने वयोवृद्ध नेता एल के अडवाणी का इंटरव्यू छापा है |इसमें स्वाभाविक रूप से उन्होंने इमरजेंसी लगाये जाने और उससे बचने के अनेको पहलुओं पर राजनीतिक चर्चा की है|यदपि उन्होंने वर्तमान पीएम या व्यवस्था पर कोई प्रत्यक्ष टिपण्णी नहीं की है लेकिन कांग्रेस द्वारा उसे नरेंद्र मोदी के संदर्भ में प्रचारित किया जा रहा है |
अंग्रेजी के एक अखबार में दिए इंटरव्यू में अडवाणी ने कहा कि इमरजेंसी के पश्चात से अभी तक यह सुनिश्चित नहीं किया जा सका है कि १९७५-७७ की भांति लोक तंत्र दोबारा कुचला नहीं जाएगा जबकि लोक तंत्र को कुचलने वाली ताकतें प्रबल हुई है |
कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों द्वारा इस इमरजेंसी के बयान को हाथो हाथ लेकर इसे पीएम नरेंद्र मोदी केंद्रित बताने का प्रयास किया जा रहा है|
पूर्व उपप्रधानमंत्री और अभी बीजेपी के मागदर्शक मंडल के सदस्य श्री आडवाणी ने यदपि इमरजेंसी को दोबारा लगाये जाने की संभावनाओं को बल नहीं दिया मगर यह जरूर कहा कि वास्तव में, कोई आसानी से ऐसा नहीं कर सकता है,मगर दोबारा ऐसा नहीं होगा यह नहीं कहा जा सकता ।१९७५-७७ में लगाईं गई इमरजेंसी में श्री आडवाणी सहित विपक्ष के कई दिग्गज नेताओं को जेल में कैद करके रखा गया था।भाजपा और समर्थक दल इसे सामान्य बता कर संस्था केंद्रित अभिव्यक्ति बता रहे हैं जबकि कांग्रेस+आप+जे डी यूं +वाम पंथी आदि द्वारा अडवाणी की इस नवीनतम संशा को पीएम नरेंद्र मोदी का संदर्भ दिया जा रहा है |वरिष्ठ भाजपा के एक नेता ने अपना नाम नहीं बताने कि शर्त पर चुटकी ली है कि ये कांग्रेस यहीं नहीं रुकेंगे शीघ्र ही अडवाणी के बयान को सुषमा स्वराज से जोड़ते हुए भाजपा में दो गुट साबित करने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगाया जा सकता है |