Ad

अच्छे खासे आंबेडकर स्टेडियम की माँ +भैन एक कर दी

झल्ले दी झल्लियाँ गल्लां
एक खेल प्रेमी
ओये झल्लेया ये क्या हो रहा है??आज़ादी को हासिल किये छह दशक हो गए और ओलंपिक्स में केवल छह मेडल्स ही मिले हैं गोल्ड का एक भी नहीं |खेल युवा मंत्री है मंत्रालय है+खिलाड़ी हैं +खेल बोर्ड हैं+करोड़ों रुपयों का खर्चा है फिर मेडल क्यूं नहीं आ रहे??
झल्ला
पहलवान जी बात दरअसल ये है कि हमारे देश में खेल नीतियाँ भ्म्बरभूसे[गधिगेड] में ही पड़ी रहती है|पुराने कि बात छोड़ो कल की ही देखो|
दिल्ली के आंबेडकर स्टेडियम में फूटबाल का कितना बढिया ग्राउंड है टर्फ भी है |और वहां आने वाले दिनों में डूरंड टूर्नामेंट भी खेला जाना है मगर अच्छे खासे बाबा राम देव को बयाना ले जाते लेजाते आम्बेडकर स्टेडियम में घुसेड दिया \अब बाबा तो बाबा हज़ारों चेले भी साथ हो लिए |ऐसे में अच्छे खासे स्टेडियम की माँ भैन एक हो गई होगी |अब आप ही बताओ जब मंत्री +जनता +नेता+संतरी ही यूं बिदयों तब आगे कौन हवाल