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राजनितिक पाला बदलना होता है तब यही जुबान काम आती है

झल्ले दी झल्लियाँ गल्ला
राजनितिक पाला बदलना होता है तब यही जुबान काम आती है

एक सपाई छुट भैया
ओये झल्लेया ये क्या हो रहा है??ओये पार्टी से निष्कासित शाहिद सिद्दीकी ने अब नरेन्द्र मोदी के रंग हसाड़े मुलायम सिंह और अखिलेश पर उड़ेलने शुरू कर दिए हैं|अब सिद्दीकी ने पार्टी में परिवार वाद के हावी होने और सत्ता के कई केंद्र होने जैसे आरोपों की झड़ी ही लगा दी है|
झल्ला
बौऊ जी ये जुबान की खातिर निकाले गए सिद्दीकी जी को पता है कि जब राजनितिक पाला बदलना होता है तब यही जुबान काम आती है |हो सकता है कि कुछ दिनों में कांग्रेस या ,,,,,में अवतरित होने कि खबर मिल जाये