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राहुल गांधी को अभी तीर चलाने के लिए उचित समय और लक्ष्य की प्रतीक्षा करना सीखना होगी

झल्ले दी झल्लियां गल्लाँ

कांग्रेसी चीयर लीडर

ओये झल्लेया अब की बार तो मजा ही आ गया ओये हसाडे सोणे उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने संसद में लगातार दूसरी बार भाजपाइयों की बोलती बंद कर दी |राहुल गांधी जी ने पहले किसानो की भूमि छीने जाने का पुरजोर विरोध किया और अब नेट न्यूट्रेलिटी के नाम पर नवजवानों से इंटरनेट दूर करने की साजिश का भंडाफोड़ कर दिया|ओये राहुल जी ने साबित कर दिया है के किसानो की भूमि छीन कर और नेट न्यूट्रेलिटी ला कर उद्योगपतियों को फायदा पहुँचाया जा रहा है | अब तो संसद में भी राहुल जी को जबरदस्त तालियां मिल रही है

झल्ला

ओ मेरे चतुर सुजान जी वाकई आपजी के नेता जी के नए तीरों के घेरे बढ़ते जा रहे हैं लेकिन यह भी स्वीकार कर लो की अभी राहुल गांधी को और ज्यादा कंसंट्रेशन करने की जरूरत है क्योंकि राहुल ने नेट न्यूट्रेलिटी पर बोलते बोलते नरेंद्र मोदी की तुलना रूस के असफल मिखाइल गोर्बाचोव से करनी शुरू कर दीऔर जरा सा विरोध होने पर टॉपिक को बदल भी दिया |इससे इतना महत्वपूर्ण +उपयोगी +घातक बाण व्यर्थ चला गया |झल्ले विचारानुसार अवकाश से लौटे राहुल गांधी के तरकश में अनेकों तीर होंगें मगर तरकश से तीर निकाल कर चलाने के लिए उचित समय और लक्ष्य की प्रतीक्षा करना सीखना होगी