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“अजय”और”जनार्दन”एक दूसरे के पर्यायवाची ही हैं इसीलिए एक म्यान में नहीं समा सकते

झल्ले दी झल्लियां गल्लाँ

चिंतित कांग्रेसी चीयर लीडर

ओये झल्लेया ये हसाडे कांग्रेसी कुनबे को किस भेड़े की भेड़ी नजर लग गई जाने का नाम ही नहीं ले रही ओये अजय माकन के आने से दिल्ली फतह की उम्मीद बनी थी लेकिन ये तो पुराने जनार्दन द्विवेदी से ही भिड़ बैठे और उन्हें ही भारतीयता का पाठ पढ़ाने लग गए |और तो और दूसरों को अनुशासन का पाठ पढ़ाने वाले स्वयं ही आपस में बात करके मामले को सुलटाने के बजाय प्रेस कांफ्रेंस में एक दूसरे पर गंदगी उछालने में लग गए हैं | भाजपा के जाल में फंसते हुए हिन्दू विरोधी बयान देने पर उतर आये हैं ओये पहले माकन ने शशि थरूर और शीला दीक्षित का तख्त खींचा अब द्विवेदी का भी पत्ता कांटने पर तुल गए हैंक्या ऐसे ही दिल्ली में हसाड़ी वापिसी कराएँगे ?

झल्ला

ओ मेरे भोले चतुर सुजाण “अजय” और “जनार्दन” एक दूसरे के पर्यायवाची ही हैं इसीलिए एक म्यान में नहीं समा सकते जनार्दन जो होता है वो अजय होता है और जो अजय होता है वोह्ही तो जनार्दन है |अब आपने यह तो सुना ही होगा के एक म्यान में केवल एक ही तलवार रह सकती हैं|