Ad

ना खाता ना बही जो अरविन्द केजरीवाल कहे वोही सही

झल्ले दी झल्लियां गल्लाँ

कांग्रेसी चीयर लीडर

ओये झल्लेया इस आम आदमी पार्टी के डिक्टेटर अरविन्द केजरीवाल की तानाशाही उजागर हो ही गई|ओये पहले उसने अपने साथियों को अपनी धमाचौकड़ी से पार्टी से बाहर निकाला फिर अपने आशीष खेतान के कहने पर सरकार के सचिव आशीष जोशी को भी निकाल दिया|ओये इतना ही नहीं एक सर्कुलर जारी करके अपने विरोधिओं के मुंह पर ताला लगाने की शुरुआत कर दी हैओये यारा ये सेंसर शिप नहीं तो और क्या है ?इमरजेंसी नहीं तो और क्या है ?

झल्ला

ओ मेरे चतुर सुजान जी बुजुर्गों ने सच्च ही कहा है कि “वा प्या जाणे या रा प्या जाणे” अर्थार्त किसी से वास्ता पढ़ने पर ही आदमी की असली पहचान होती है| इसीलिए अब केजरीवाल की परते खुलने लग गई हैंअब तो वाकई लगने लगा है कि “ना खाता ना बही जो केजरी कहे वोही सही”