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भूकम्प नाल जी ना भरया,आंधी विच सबना नू उड़ाया

अंन्हेरी घुल्ली मी वरसाया ,प्रभु जी ये केडा रूप वखाया
भूकम्प नाल जी ना भरया,आंधी विच सबना नू उड़ाया
प्रभु जी मन विच तुवाड़े की आया,रोणा क्यों कर भाया
दिन नू तुस्सी रात बनाया ,महाभारत क्यूँ याद आया
प्रभु जी आप तो हो जाणी जॉन फिर ये क्यों पँगा पाया